रायपुर : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर राजस्थान में भी राजकीय शोक रहेगा. केंद्र सरकार की जारी निर्देश के बाद छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ने भी 26 दिसंबर से 1 जनवरी तक राजकीय शोक घोषित किया है. शोक के बीच कई कार्यक्रम स्थगित किए गए हैं. इस दौरान सरकारी छुट्टी नहीं रहेगी, लेकिन कार्यालयों में झंडा आधा झुका रहेगा साथ ही सरकारी या आधिकारिक स्तर पर मनोरंजन के कार्यक्रम भी नहीं होंगे.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री, प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है।
उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह जी अर्थशास्त्र के उन दिग्गजों में से एक थे, जो देश के वित्त मंत्री, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर और योजना आयोग के प्रमुख जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों और शुभचिंतकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की।
देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का सफर
2004 में डॉ. मनमोहन सिंह ने देश के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली। उन्होंने 10 वर्षों तक प्रधानमंत्री का पद संभाला, जो उन्हें देश के सबसे लंबे समय तक रहने वाले चौथे प्रधानमंत्री के रूप में स्थापित करता है। डॉ. सिंह का कार्यकाल आर्थिक सुधारों, जनहितकारी योजनाओं और शांतिपूर्ण नेतृत्व के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
राष्ट्र शोक में डूबा देश
उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। इस दौरान सभी सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी और सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं।
अंतिम श्रद्धांजलि
डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार कल राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। उनके सम्मान में कैबिनेट की विशेष बैठक सुबह 11 बजे आयोजित होगी। देश और विदेश से नेता व प्रमुख हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने आ रही हैं।
राहुल गांधी ने व्यक्त की भावनाएं
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने डॉ. सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, मैंने अपना मार्गदर्शक और गुरु खो दिया। राहुल और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के बेलगावी से देर रात दिल्ली पहुंचे और डॉ. सिंह के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।