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महासमुंद : प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभ से सुपोषित हुआ कान्हा

 महासमुंद : प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना केंद्र शासन द्वारा गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं को अपने और अपने बच्चे की स्वास्थ्य की देखभाल और इस अवस्था में मजदूरी राशि की भरपाई हो पाए इस उद्देश्य से यह योजना प्रारंभ की गई है। कलेक्टर विनय लंगेह के मार्गदर्शन और जिला कार्यक्रम अधिकारी समीर पांडे के नेतृत्व में समस्त पात्र महिलाओं का विशेष अभियान चलाकर योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी अजय साहू ने बताया कि योजना में अब तक प्रथम प्रसव वाले पंजीकृत 8534 में से 7050 लाभान्वित तथा द्वितीय प्रसव बालिका के रूप में पंजीकृत 3180 में से 2756 बालिकाओं को लाभान्वित किया गया है। इस प्रकार जिले में कुल 11 हजार 557 माताओं को कुल राशि 4 करोड़ 11 लाख 88 हजार रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। इस योजना से प्राप्त राशि का उपयोग माताएं स्वस्थ्य एवं निरोगी बच्चे जन्म ले इस हेतु कर रहे है।


एकीकृत बाल विकास परियोजना पिथौरा के ग्राम ’’राजा डेरा’’ की रहने वाली ’’रोशनी यादव’’ के जीवन में एक महत्वपूर्ण बदलाव तब आया, जब उसने पहली बार गर्भवती होने का सुखद अनुभव पाया। इस नए सफर को आसान और सुरक्षित बनाने में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता नूरा ठाकुर’ और ’’प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’’ की अहम भूमिका रही। गर्भवती होने के बाद, नूरा ठाकुर ने रोशनी का ’’आंगनवाड़ी में पंजीकरण’’ किया और सभी ’’स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध’’ कराईं। गर्भावस्था के दौरान ज़रूरी ’’टीकाकरण’’ सुनिश्चित किया गया, जिससे वह स्वस्थ बनी रहें। जब नूरा ने रोशनी को बताया कि पहली बार गर्भवती होने पर वह ’’प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’’ की पात्र हैं, तो रोशनी ने तुरंत आवेदन कर दिया। कुछ ही दिनों में योजना के तहत 3,000 रुपए की पहली किस्त उनके ’’बैंक खाते’’ में जमा हो गई।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने रोशनी को सलाह दी कि वह इस राशि से ’’पोषण पेटी’’ तैयार करें, जिसमें ’’चना, गुड़, तिल, फल्लीदाना, और फल’’ जैसे पौष्टिक आहार शामिल हों। रोजाना इन चीजों का सेवन करने से रोशनी का ’’हीमोग्लोबिन स्तर 11 ग्राम’’ हो गया, जिससे वह गर्भावस्था के दौरान हमेशा ऊर्जावान और स्वस्थ रहीं। नौ महीने बाद, रोशनी ने ’’नॉर्मल डिलीवरी’’ के जरिए ’’3 किलो 700 ग्राम’’ के स्वस्थ ’’बच्चे कान्हा’’ को जन्म दिया। माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ थे, और यह उनके सही पोषण और समय पर की गई देखभाल का नतीजा था। बच्चे के साढ़े तीन माह का टीकाकरण पूरा होने के बाद, रोशनी को ’’प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’’ की दूसरी किस्त’’ के रूप में 2,000 रुपए और मिले। इस राशि के सही उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए ’’परियोजना अधिकारी पिथौरा और पर्यवेक्षक’’ ने रोशनी के घर जाकर उसे फिर से ’’पोषण पेटी’’ तैयार करने के लिए प्रेरित किया। पोषण पेटी और नियमित स्वास्थ्य सेवाओं का फायदा उठाते हुए, आज रोशनी और उसका बेटा दोनों ही ’’स्वस्थ और निरोगी’’ हैं।

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