India-China LAC News : चीन और भारत के बीच दुश्मनी बेहद पुरानी है, कई बार समझौते हुए, लेकिन दोनों देशों के बीच की तकरार बरकरार रही। हाल ही में रूस के कजान में ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग के बीच एलसी पर समझौते की सकारात्मक खबर सामने आई है। इस मुलाकात से अमेरिका समेत कई देशों के पेट में दर्द उठ गया है।
भारत का स्टेंड हमेशा वसुधैव कुटुम्बकम् से जुड़ा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिप्लोमेसी में दुनिया को बौद्धिक नीति का अनुसरण करवाया है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान जिस अंदाज में पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी, उससे लग गया था कि दोनों के बीच दुश्मनी की खाई कम होने वाली है, तभी तो दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति बन गई थी।
आखिर चार साल बाद चीनी सैनिक अपने तंबू को उखाड़ने लगे हैं। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि इस समझौते से दोनों देशों के बीच सीमा पर साल 2020 से पहले की स्थिति बहाल होगी। भारतीय सैनिक और चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जबकि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि समान और पारस्परिक सुरक्षा के सिद्धांतों पर कुछ क्षेत्रों में जमीनी स्थिति को बहाल करने के लिए व्यापक सहमति बन गई हैं। मई 2020 के टकराव स्थलों पबर बनाए गए अस्थायी चौकियों और ढांचों को हटाने का काम शुरू हो गया। मुलाकात के बाद चीन के सैनिक तंबू उखाड़े जा रहे हैं।
उन्होंने कहना है कि सैन्य टुकड़ियों को हटाने और पीछे हटने में लगभग एक सप्ताह का समय लगेगा। जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच गश्ती पर बी समहति बन गई है। गश्त शुरू होने से पहले स्थानीय कमांडर एक-दूसरे को बताएंगे फिर इसकी पुष्टि करेंगे। जिससे गश्ती दल आमने-सामने टकराने से बचेंगे।
भारत-चीन के बीच ‘गश्त व्यवस्था’ पर हुए नए समझौते के अनुसार, चीनी सैनिक अब रणनीतिक रूप से स्थित डेपसांग मैदानों में ‘बॉटलनेक’ क्षेत्र में भारतीय सैनिकों को नहीं रोकेंगे, जो भारत द्वारा अपने क्षेत्र माने जाने वाले क्षेत्र से लगभग 18 किलोमीटर अंदर है।
भारतीय पक्ष को उम्मीद है कि उसके सैनिक अब डेपसांग में अपने गश्ती बिंदु 10, 11, 11ए, 12 और 13 तक जा सकेंगे, जो उत्तर में महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी और काराकोरम दर्रे की ओर 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित महत्वपूर्ण टेबल-टॉप पठार पर है।
भारतीय पक्ष को उम्मीद है कि उसके सैनिक अब डेपसांग में अपने गश्ती बिंदु 10, 11, 11ए, 12 और 13 तक जा सकेंगे, जो उत्तर में महत्वपूर्ण दौलत बेग ओल्डी और काराकोरम दर्रे की ओर 16,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित महत्वपूर्ण टेबल-टॉप पठार पर है। डेमचोक के पास चारडिंग निंगलुंग नाला जंक्शन पर भी सैनिकों की वापसी चल रही है, जहां पीएलए ने भारतीय क्षेत्र में टेंट लगाए हैं।