रायपुर। छत्तीसगढ़ की स्पेशल ईडी कोर्ट ने जेल प्रबंधन की ओर से दिए गए उस अर्जी को मंजूरी दे दी है, जिसमें ईडी के विभिन्न मामलों में निरुद्ध पाँच आरोपियों को छत्तीसगढ़ की अलग-अलग जेलों में भेजने की अनुमति माँगी गई थी। जेल प्रशासन ने इन्हें भेजे जाने के पीछे कारणों का भी उल्लेख किया है। इन सभी की अब कोर्ट में सुनवाई वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए होगी।
इन आरोपियों को किया जा रहा शिफ़्ट
ईडी कोर्ट में जेल प्रशासन की ओर से जिन पाँच विचाराधीन बंदियों को छत्तीसगढ़ की अलग-अलग जेलों में शिफ़्ट किया गया है, उनमें अनवर ढेबर,अरुणपति त्रिपाठी,अनिल टुटेजा,मनोज सोनी और सूर्यकांत तिवारी के नाम शामिल हैं। आदेश के अनुसार अनवर ढेबर को अंबिकापुर सेंट्रल जेल,अरुणपति त्रिपाठी को जगदलपुर जेल,अनिल टुटेजा को कांकेर जिला जेल, मनोज सोनी को दंतेवाड़ा जिला जेल और सूर्यकांत तिवारी तो जगदलपुर केंद्रीय जेल शिफ़्ट किया गया है। राज्य के उप महाधिवक्ता तथा ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ सौरभ कुमार पांडेय ने उक्ताशय के आदेश जारी होने की पुष्टि की है।
इन प्रकरणों में हैं आरोपी
अनवर ढेबर, ए पी त्रिपाठी और अनिल टुटेजा शराब घोटाले में, मनोज सोनी चावल घोटाले में और सूर्यकांत तिवारी कोल लेव्ही मामले में ईडी और एसीबी के द्वारा दर्ज मामलों में आरोपी हैं।
अधिवक्ता अमीन ने कहा - चुनौती देंगे
रायपुर कोर्ट में अनवर ढ़ेबर के अधिवक्ता अमीन खान ने ईडी कोर्ट में आवेदन के बाद जेल शिफ़्टिंग के आदेश को चुनौती देने की बात कही है। अधिवक्ता अमीन खान ने मीडिया से कहा -“यह आदेश एक पक्षीय है। हमें ना जेल ने पूछा, ना कारण बताया है और कोर्ट ने भी हमें सूचित नहीं किया है। हम इस आदेश को चुनौती देंगे। जेल शिफ़्टिंग का आदेश एकपक्षीय है। यह प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के प्रतिकूल है। ”