एक दशक पहले तक भारतीय पर्यटन को पर्यटन क्षेत्र में अन्य देशों के समकक्ष या उनसे आगे स्थापित करने के लिए भी एक ब्रांड एम्बेसडर की जरूरत सामान्य बात थी । जिस तरह अन्य देश अपने देश के पर्यटन के प्रचार-प्रसार हेतु सुविख्यात फिल्मी सितारों और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को आकर्षित करने के लिए विज्ञापन राशि खर्च कर रहे थे ठीक उसी तरह यहाँ भी यह महसूस किया गया कि अतुल्य भारत को एक नया रूप दिए जाने की आवश्यकता है ।
इस राष्ट्र के वैश्विक प्रतिनिधि के रूप में वे अतुल्य भारत के विस्मयकारी पहलुओं को विश्व के समक्ष रखने का कोई अवसर नहीं छोड़ते हैं । उनके नेतृत्व में भारत की जी-20 अध्यक्षता इस मायने में अनूठी रही कि इन बैठकों का आयोजन देश भर के 60 अलग-अलग स्थानों पर किया गया । माननीय प्रधानमंत्री जी का यह विजन था कि भारत की जी-20 अध्यक्षता को माध्यम बनाकर इन 60 गंतव्यों की पर्यटन पेशकशों के साथ-साथ उनकी संस्कृति, क्विज़ीन तथा शिल्प की वैश्विक मंच पर उपस्थिति सुनिश्चित की जाए । पिछले वर्ष जी-20 के कारण पर्यटन में हुई वृद्धि के परिणामस्वरूप वर्ष 2023 में भारत के पर्यटन क्षेत्र में होटल के नए कमरे सबसे अधिक संख्या में बनाए गए ।
एक जन-नायक के रूप में उन्होंने विश्व की यात्रा पर निकलने से पहले अपने देश भारत को देखने-समझने के लिए राष्ट्र को ‘देखो अपना देश’ हेतु प्रेरित किया है । स्वच्छता के महत्व की सीख देकर उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उत्तरदायी पर्यटन हम सभी का सहज स्वभाव बन जाए । हर अवसर पर वे वैश्विक प्रवासी भारतीयों को अतुल्य भारत का प्रतिनिधि बनने की उनकी भूमिका निरंतर याद दिलाते हैं कि वे अपने विदेशी मित्रों और परिचितों को इस बात की जानकारी दें कि भारत की यात्रा किस प्रकार उनके लिए अविस्मरणीय हो सकती है । सोशल मीडिया पर सबसे ज्य़ादा फॉलो किए जाने वाले वैश्विक नेताओं में से एक के रूप में उनके द्वारा लक्षद्वीप, काजीरंगा, कन्याकुमारी, श्रीनगर और अन्य कई स्थलों की यात्रा करने मात्र से घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों में ऐसे गंतव्यों की यात्रा करने और भारत की कम लोकप्रिय पर्यटन पेशकशों का अनुभव करने की अभूतपूर्व रुचि देखी गई है ।
पर्यटन में माननीय प्रधानमंत्री की निजी रूचि और भागीदारी को और अधिक स्पष्ट करने के लिए मैं आप सबको यह बताना चाहूंगा कि उन्होंने अपने मंत्रिमंडल के पर्यटन विभाग में मुझे अपनी सेवा प्रदान करने का अवसर देते समय कहा था कि वे मुझे एक अत्यंत महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप रहे हैं । तब से मेरा निरंतर यह प्रयास रहा है कि समावेशी सामाजिक-आर्थिक प्रगति और विकास के माध्यम के रूप में पर्यटन क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए हम भारत में इसके लिए एक व्यावसायिक योजना तैयार करें ।
अवसंरचना विकास में भारत द्वारा तेजी से की जा रही प्रगति का लाभ उठाते हुए नए पर्यटन गंतव्य विकसित करना इस व्यावसायिक योजना का सबसे महत्वपूर्ण घटक है । नए भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए और अपने गौरवशाली अतीत से प्रेरणा लेते हुए पर्यटकों के समग्र अनुभव को बेहतर बनाने के लिए इन नए गंतव्यों की परिकल्पना की गई है । वर्ष 1947 में हमारी स्वतंत्रता से लेकर वर्ष 2014 तक भारत में किसी पर्यटक गंतव्य को शुरूआत से समग्र और समावेशी तरीके से विकसित करने का एक भी उदाहरण देखने को नहीं मिलता है । वर्ष 2018 में माननीय प्रधानमंत्री द्वारा विश्व को एकता नगर और स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की भेंट देने के बाद से इसमें परिवर्तन आया है ।
माननीय प्रधानमंत्री के विज़न के अनुरूप एकता नगर में पर्यटन को प्रमुख आधार के रूप में विकसित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए और अनेक उपाय किए गए । रोज़मर्रा के आधार पर गंतव्य के रख-रखाव और प्रबंधन के लिए विशिष्ट स्टेच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र विकास और शासन प्राधिकरण स्थापित करने के साथ-साथ अंतिम बिंदु तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित की गई । स्थानीय लोगों और युवाओं को पर्यटन से संबंधित सेवाओं और कार्यों के संबंध में प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास केंद्रों की स्थापना की गई । अच्छे होटल, रिजॉर्ट और अन्य आवास स्थापित करने के लिए निजी निवेशों को शामिल किया गया । पीपीपी मोड में विभिन्न थीमों में अनेक नए आकर्षणों, कार्यकलापों और अनुभवों की शुरूआत की गई । इन सभी और अन्य कई कार्यकलापों के कारण एकता नगर में पर्यटकों की संख्या वर्ष 2018 में 4.5 लाख से 10 गुना बढ़कर वर्ष 2023 में 45 लाख हो गई थी । इसके अलावा, इन सभी प्रयासों से एकता नगर के स्थानीय लोगों के लिए पर्यटन अर्थव्यवस्था के माध्यम से आजीविका के नए साधन का सृजन हुआ है जो वर्ष 2014 से पहले इस क्षेत्र में उपलब्ध नहीं था । एकता नगर के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री ने हमें पर्यटन विकास और संवर्धन का एक नया मॉडल दिया है – एक ऐसा मॉडल जिसे ऐसे प्रतिष्ठित पर्यटक स्थलों का सृजन करने के लिए एक उदाहरण के रूप में अपनाया जा सकता है ।
स्वदेश दर्शन और प्रतिष्ठित पर्यटक गंतव्यों के विकास जैसी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से माननीय प्रधानमंत्री द्वारा स्थापित मॉडल से प्रेरणा लेते हुए, पर्यटन मंत्रालय अब ‘सरकार के हर स्तर पर’ चयनित गंतव्यों को विकसित करने के संयुक्त प्रयासों द्वारा देश में पर्यटन संबंधी गंतव्य विकास की अगुआई कर रहा है । ऐसे अधिक प्रभावकारी हस्तक्षेपों की शुरूआत के प्रयास किए जा रहे हैं जो विभिन्न गंतव्यों में पर्यटक अनुभव को पूरी तरह से बदल सकते हैं । साथ ही, निजी निवेश को सार्वजनिक निवेश का पूरक बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि भारत में पर्यटन संबंधी गंतव्य विकास के लिए दोनों एक संयुक्त शक्ति के रूप में कार्य कर सकें । इन गंतव्यों में मंत्रालय की विभिन्न पहलों के माध्यम से, कौशल निर्माण और डिजिटलीकरण जैसे पर्यटन साधनों को बेहतर बनाने के लिए भी कार्रवाई की जा रही है ताकि पर्यटन के लाभ उस गंतव्य में ही स्थानीय समुदायों और व्यक्तियों को प्राप्त हो सकें ।
माननीय प्रधानमंत्री के जन भागीदारी के विज़न से प्रेरित होकर, मंत्रालय ने देखो अपना देश पीपुल्स च्वाइस 2024 नामक एक राष्ट्र-व्यापी पोल शुरू किया है ताकि नागरिक 5 श्रेणियों में भारत में अपने सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थलों और गंतव्यों के बारे में जानकारी दे सकें । आगे बढ़ने के अपने प्रयासों में जनता की आवाज को शामिल करने के लिए पीपुल्स च्वाइस 2024 में शीर्ष पर आने वाले गंतव्यों को विशेष सहायता और निधि प्रदान की जाएगी, ताकि उन्हें दुनिया के समक्ष सर्वश्रेष्ठ अतुल्य भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले वैश्विक पर्यटन स्थलों के रूप में परिवर्तित किया जा सके ।
ऐसा कोई भी दिन नहीं जाता जब माननीय प्रधानमंत्री हमें विकसित भारत के अपने विज़न की याद न दिलाएं । पर्यटन हमें उस महान विज़न को पूरा करने के लिए अनेक अवसर प्रदान करता है । इस विश्व पर्यटन दिवस पर, मैं इस विजन को पूरा करने में अपनी भूमिका निभाने के लिए आप सबका आह्वान करता हूं, ताकि हम अपने माननीय प्रधानमंत्री जी की ही तरह 'अतुल्य भारतीय' बन सकें ।
लेखक: गजेन्द्र सिंह शेखावत (केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री, भारत सरकार )