दुनिया की आधी आबादी और संघर्ष को समर्पित कविता संग्रह है आजकल
महासमुंद। काव्यांश साहित्य और कला पथक, महासमुंद के बैनर तले पोषण कुमार साहू की प्रथम कविता संग्रह ’आजकल’ का रविवार शाम जिले के वरिष्ठ और नामचीन साहित्यकारों के करकमलों द्वारा विमोचन किया गया। पोषण साहू की कविता संग्रह को पुनः प्रकाशित किया गया है। आजकल मे महिलाओं की संघर्ष और कहानी को बखूबी उकेरा गया है। कविता संग्रह मे कुल 25 कविताएं हैं। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती की छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित और दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर काव्यांश के पदाधिकारी, सदस्य और साहित्यकार मौजूद थे। उन्होंने आजकल पर अपने विचार व्यक्त किये। विमोचन समारोह के मुख्य अतिथि धन्यजय नेताम (संयुक्त कलेक्टर) ने अपने उदबोधन मे कहा की कवि कुमार पोषण की कविता पढ़कर ऐसा लगता है कि वे संघर्ष से नवनिर्माण करना चाहते हैं। वक्त बदल रहा है साथी, कविता ने वर्तमान हालात को बया किया है। उन्होंने कहा कि काव्यांश एक ऐसा मंच है जहाँ नवोदित साहित्यकारों को उचित स्थान और सम्मान मिलता है। उन्होंने इस कृति के लिए कवि पोषण को बधाई दी है।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार प्रलय थिटे ने कहा कि कवि कुमार पोषण की कविताओं में एक बड़ा सन्देश है। वे समाज के सर्वहारा लोगों के साथ है, और उनके साथ चलकर समाज को बदलना चाहते हैं। उनकी कविता युद्ध जायज है दिल को छू गया। इस अवसर पर डॉ. साधना कसार, एस चंद्रसेन, अशोक शर्मा, काव्यांश के अध्यक्ष भागवत जगत भूमिल, महासचिव जयराम पटेल पथिक, कोषाध्यक्ष डी बसंत साव साहिल, उमेश गोस्वामी, पुष्पलता भार्गव सुनंदा, टेकराम सेन सहित अन्य साहित्यकारों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर साहित्यकारों द्वारा कविता पाठ भी किया गया।