महासमुंद : राष्ट्रीय पोषण माह अंतर्गत पोषण जागरूकता के लिए महासमुंद शहरी सेक्टर क्रमांक 01 में निरंतर पोषण जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। गुरुवार को सेक्टर क्रमांक 01 के परसदा और विश्वकर्मा नगर में परियोजना अधिकारी श्रीमती शैल नाविक के मार्गदर्शन में गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को पौष्टिक एवं संतुलित आहार लेने के लिए प्रेरित किया गया।
आज शुक्रवार को महासमुंद शहरी सेक्टर के क्रमांक 01 के संजय नगर नयापारा वार्ड में पर्यवेक्षक शीला प्रधान के मार्गदर्शन में पोषण जागरूकता, वजन त्यौहार और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान श्रीमती नाविक ने उपस्थित बालिकाओं एवं गर्भवती एवं शिशुवती माताओं को परामर्श देते हुए कहा कि माता यदि जागरूक स्वस्थ्य हैं तो उनके आने वाली संतान भी स्वस्थ्य व सुपोषित होगें। माता सृजनकर्ता हैं अतः माताओं को अपने संतान के पोषण पर ध्यान रखना चाहिए। यहां बच्चों का वजन कराकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लिये गये वजन एवं ऊंचाई की जॉच की गई।
सही वजन पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्रोत्साहित करते हुए बच्चों का सही वजन लेकर उनके पालकों को पोषण स्तर से अवगत कराने का निर्देश दिया गया। पोषण माह के उद्देश्यों पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि माता के गर्भवती होने के बाद उसके शरीर में खून की कमी होती है क्योंकि गर्भावस्था के दौरान माता का ही रक्त बच्चे के शरीर की गतिविधि को संचालित करती है। पोषण अभियान के विभिन्न थीमों (एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, समग्र पोषण, बेहतर प्रशासन परदर्शिता और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकीय) के आधार पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं।
संजय नगर नयापारा वार्ड में पोषण माह अंतर्गत स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
उन्होंने बताया कि महिला को स्वस्थ रहने के लिए 20 मिलीग्राम आयरन प्रतिदिन चाहिए। यदि लंबे समय तक शरीर में पोषण की कमी बनी रहती है तो वही धीरे-धीरे कुपोषण के रूप में दिखाई देता है। 18 से 35 वर्ष की महिलाओं में उनके बैलेंस डाइट पर कार्य करने की जरूरत है महिला जैसे विवाहित होती है उसकी लगातार काउंसलिंग करने से उसके शरीर में खून की मात्रा का पता कर शरीर में खून की कमी ना हो इसके लिए लगातार परामर्श देना प्रारंभ करना अति उत्तम समय होता है , हमें अपने रोज के भोजन में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं इसके बारे में जानकारी होना जरूरी है जब हमें उसकी पौष्टिकता के बारे में पता चलती है तो उसके सेवन से हम बहुत सारी बीमारियों को दूर कर सकते हैं। बैलेंस डाइट में सात प्रकार का खाना सभी को जरूरी है अनाज या कंद मूल, दाल या बीज, दूध से बने उत्पाद जैसे पनीर या दही, अंडा, चिकन या मांस मछली, फल के रूप में पीले फल, सब्जियों के रूप में हरे पत्तेदार सब्जियां इन सात प्रकार के भोज्य पदार्थ में से यदि हमारे रोज के खाने में कोई भी पांच भोज्य पदार्थ को शामिल करते हैं तो हमारा शरीर स्वस्थ व निरोगी रह सकता है। प्रतिदिन भाजियों का सेवन करना चाहिए। इस दौरान स्थानीय पार्षद कमला बरिहा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हीना तनवीर, रिपा बिहारी, पुष्पा साहू, अंजू चंद्राकर व मितानिन, किशोरी बालिका तथा महिलाएं उपस्थित रही।