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आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार, हत्या व शोषण के खिलाफ धरना-प्रदर्शन मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

 महासमुंद । छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय अध्यक्ष शिशुपाल शोरी के निर्देश पर महासमुंद में भी जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन किया गया। इस धरना प्रदर्शन में महासमुंद जिला के आदिवासी समाज प्रमुखों द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश में हो रहे आदिवासियों के विरुद्ध अत्याचार, हत्याओं, शोषण के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही करने, इन पर रोक लगाने तथा छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए जनजातीय नीति बनाने जैसे अहम मांगों पर जोर दिया गया और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।



धरना प्रदर्शन महासमुंद पटवारी कार्यालय के सामने छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रांतीय उपाध्यक्ष कल्याण सिंह बरिहा, प्रांतीय उपाध्यक्ष मोहित ध्रुव, प्रांतीय संयुक्त सचिव मनोहर ठाकुर, जिलाध्यक्ष थानसिंग दीवान,कार्यकारी जिलाध्यक्ष राधेश्याम ध्रुव, महिला प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष डिम्पल ध्रुव(डाली) सहित सभी आदिवासी नेताओं ने प्रदेश में हो रहे आदिवासी महिलाओं से बलात्कार, हत्याएं तथा शोषण के खिलाफ ध्यान आकृष्ट कराया है। छ.ग.सर्व आदिवासी समाज जिला महासमुंद के तत्वाधान में आयोजित धरना प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम कलेक्टर को सौंपे गये ज्ञापन‌ में चार बिंदुओं का उल्लेख किया गया है। जिसमें 10 अगस्त 2024 को बीजापुर जिला क्षेत्रान्तर्गत एक आदिवासी महिला की अज्ञात लोगों द्वारा जघन्य हत्या कर उसका शव फेंक दिया गया था।

अभी तक अपराधीगण पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। जिला अंबिकापुर के सीतापुर में एक आदिवासी युवक संदीप लकड़ा की निर्मम हत्या कर जमीन में गाड़ दिया गया एवं उसके ऊपर पानी की टंकी बना दिया गया था। हत्यारा अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। 01 सितम्बर 2024 को जिला दंतेवाड़ा के ग्राम पोन्दुम बाजार पारा से 6 माह के आदिवासी बच्चे के अपहरणकर्ताओं को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।समाज के समक्ष यह भी जानकारी आई है कि विवेचना अधिकारी द्वारा मृतक परिवार के सदस्यों के साथ सहानुभूति नहीं रखी जाती तथा दुर्व्यवहार भी किये जाने की जानकारी प्राप्त हुई है।इसी प्रकार ऐसी अनेक घटनाओं की जानकारी समाचार पत्रों एवं मीडिया के द्वारा समाज को प्राप्त होती है जिसके कारण आदिवासी समाज में आक्रोश फैलता जा रहा है। इस प्रकार की घटनाओं पर रोकथाम करना बहुत आवश्यक है। ज्ञापन के अंतिम बिंदु पर औद्योगिकीकरण के चलते छत्तीसगढ़ प्रदेश में वनों की कटाई तेजी से हो रही है जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। आदिवासियों की जमीनों का अधिग्रहण हो रहा है एवं उनके पुनर्वास की व्यवस्था भी सही नहीं है।

प्रदेश में कानून एवं शांति व्यवस्था संतोषप्रद नहीं है। भूमि अधिग्रहण से आदिवासियों की कृषि भूमि लुप्त होती जा रही है जिससे उनका जीवन यापन मुश्किल हो रहा है जैसे अहम मुद्दों पर शासन को ध्यानाकर्षण कराते हुए आदिवासियों के हित में आर्थिक, शैक्षणिक,सामाजिक, व्यवसायिक एवं सांस्कृतिक विकास के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में जनजातीय नीति की अभाव को रेखांकित किया गया है। जिससे आदिवासी समाज के मध्य पनप रहे असंतोष को दूर करने की साहसिक नीतिगत फैसले लेने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। महासमुंद जिले भर से सर्व आदिवासी समाज से आये हुए प्रमुख रुप से आदिवासी नेता जिला सलाहकार मनराखन ठाकुर,जिला सलाहकार हेतुलाल गहिर,जिला संरक्षक मदन ध्रुव,जिला उपाध्यक्ष श्रीमती सत्यभामा नाग,जिला उपाध्यक्ष गणेश ध्रुव, जिला सचिव विनोद दीवान, जिला कोषाध्यक्ष सहदेव ध्रुव, जिला कार्यकारिणी सदस्य शिव कुमार दीवान,जिला कार्यकारिणी सदस्य सुकालूराम बरिसा,खिलावन कंडरा, युवा प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष कृष्णा ध्रुव, महासमुंद ब्लाक अध्यक्ष रमण ठाकुर, बागबाहरा ब्लाक अध्यक्ष लोकेश दीवान,पिथौरा ब्लाक अध्यक्ष दिनेश गोलू रावल, बागबाहरा ब्लाक उपाध्यक्ष अंजोर ठाकुर,बागबाहरा ब्लाक सचिव ललित दीवान,युवा प्रकोष्ठ ब्लाक अध्यक्ष उमेश दीवान, ब्लाक सचिव भूषण बरिहा,गंगाधर बरिहा,आदिवासी महिला नेत्री डेजी रानी नेताम,महासमुंद ब्लाक अध्यक्ष श्रीमती सरोज नेताम,आदिवासी छात्र युवा प्रभाग जिलाध्यक्ष श्रद्धा ध्रुव,हुमन दीवान, विरेन्द्र ध्रुव, श्याम कुमार ध्रुव,शिवकुमार मंडावी,कमलदेव नाग,भरतलाल मांझी,दामोदर गहिरे,विष्णु प्रसाद बरिहा, तिरथ ठाकुर,दिलीप कुमार गहिरे,हिरासिंह ध्रुव,भीष्म सिंह ध्रुव, नेहरु लाल खड़िया,नन्दलाल बरिहा,रामजी ठाकुर, मोहन, आशारामसहित बड़ी संख्या में आदिवासी समजजन उपस्थित रहे। यह जानकारी जिला मीडिया प्रभारी हरीश दीवान ने दिया है।

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