देवराज साहू पटेवा। सेजेस पटेवा में 23 अगस्त को विद्यालय में विज्ञान शिक्षक, व्याख्याता, कम्प्यूटर शिक्षक के द्वारा अंतरिक्ष से सम्बंधी अनेक आयोजन किया।प्रथम पाली में अंग्रेजी माध्यम के विज्ञान व्याख्याता राहुल सलूजा, शिक्षक दुर्गेश साहू और कम्प्यूटर शिक्षक मनीष पटेल के द्वारा भवन के अलग-अलग अक्षों में अंतरीक्ष में किये जा रहे विभिन्न गतिविधियों की जानकारी डिजिटल स्क्रीन पर दिखायी।
मनीष पटेल ने आई सी टी लैब में प्रायमरी विभाग के विद्यार्थियों को सबसे बड़े स्क्रीन पर चंदा मामा पर चंद्रयान की लैंडिंग दिखा कर उनके भीतर रोमांच पैदा कर दिया। इसी तरह विद्यालय के ए टी एल लैब के स्क्रीन पर अंतरीक्ष की बनावट और विभिन्न आकाशीय पिंडों के एक दूसरे से सम्बंधों को समझाया। स्पेस स्टेशन और उस पर दुनिया भर के वैज्ञानिक परीक्षणों की कार्य पद्धति को समझाया। इसमें दुर्गेश साहू (शिक्षक) तथा राहुल सलूजा व्याख्याता (भौतिकी) , दीक्षा सिन्हा (व्याख्याता) ने सक्रियता के साथ मिडिल और हायर सेकंडरी के विद्यार्थियों को विभिन्न अंतरीक्ष कार्यक्रमो में भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को विस्तार से समझाया।
द्वितीय पाली में हिंदी माध्यम में ए टी एल लैब प्रभारी भीष्म सिन्हा व्याख्याता (भौतिकी) के नेतृत्व में ए टी एल लैब में डीजीटल स्क्रीन में चन्द्रयान 3 की लांचिंग प्रक्रिया को पहले आरेखन के माध्यम से भी समझाया तथा चांद पर पहुंचने के वैज्ञानिकों के ऐतिहासिक क्रम को विस्तार से विडियो दिखा कर बताया। छात्र भूपेन्द्र पाटकर 12वीं (विज्ञान) अपने साथियों के साथ बनाए गए चंद्रयान-3 के माडल को बड़े स्क्रीन पर दिखाकर विद्यार्थियों के मध्य बढ़ रही वैज्ञानिक अभिरुचि का प्रमाण दिया। अंतरीक्ष दिवस को हिंदी माध्यम की व्याख्याता मोहनी चंद्राकर, खिलेश्वरी सिन्हा ने सफल और उपयोगी बनाने में प्रेरक की भूमिका अच्छी तरह से निभाई।
अंतरीक्ष दिवस के अवसर पर विद्यालय में कक्षा 9वीं की छात्र छात्राओं ने बड़ी संख्या में "चंदा मामा" पर निबंध लिखा। यद्यपि वर्तमान में विद्यालय में FA 1 परीक्षा चल रही ही फिर भी प्राचार्य समीर चन्द्र प्रधान के दिशा निर्देशन में समस्त स्टाफ के सहयोग से दिन भर वैज्ञानिक गतिविधियों की गहमागहमी बनी रही। प्राचार्य प्रधान ने दुनिया को समझने के लिए निरन्तर वैज्ञानिक परीक्षणों, गतिविधियों , में अभिरुचि लेने हेतु आह्वान किया।