Hathras Stampede: बीते मंगलवार को उत्तर प्रदेश के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद हुई भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ है। इस हादसे के बाद अस्पतालों में हालात अब और भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया है । वहीं असप्ताल के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे।
देखा जाए तो मौतों के बाद अब सैकड़ों सवाल हैं। इसमें दर्द है, पीड़ा है, बदइंतजामी है, अव्यवस्था है और सबसे चिंताजनक बात ये कि इसमें हर तरफ लाशें ही लाशें हैं। हर तरफ मौत ही मौत है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि, बाबा नारायण हरि उर्फ साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ आखिर है कौन जो अब फरार भी है। कयास लगे कि और उसके दावों के अनुसार अध्यात्म में आने से पहले वह आईबी में अधिकारी था।
इस बीच अब मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में हाथरस सत्संग करने वाले 'भोले बाबा' की तलाश में तलाशी अभियान चल रहा है.
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के DSP सुनील कुमार सिंह ने कहा, "हमें परिसर के अंदर बाबा नहीं मिले... वे यहां नहीं हैं..." बता दें कि हाथरस सत्संग में भगदड़ मचने से 116 लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए.
उधर, सत्संग के दौरान भगदड़ के बाद हाथरस के सरकारी अस्पताल के अंदर बड़ा ही हृदयविदारक और मार्मिक मंजर देखने को मिला. अस्पताल के अंदर बर्फ की सिल्लियों पर शवों को रखा गया जबकि पीड़ितों के विलाप करते परिजन शवों को घर ले जाने के लिए रात में बूंदाबांदी के बीच बाहर इंतजार कर रहे थे.