आरंग। मंदिरों और धार्मिक नगरी के नाम से सुविख्यात नगर आरंग प्राचीन काल से ही शिवालयों के लिए भी सुविख्यात है। मान्यता है कि प्राचीन काल में इस नगर में 107 शिवलिंग विद्यमान थे। एक शिवलिंग कम होने के कारण इस प्राचीन नगर को काशी का दर्जा नहीं मिल पाया। आज भी नगर के चारों दिशाओं में अनेक दिव्य स्वयंभू शिवलिंग विराजमान है।
यही कारण है कि इस नगर को शिवालयों की नगरी भी से जाना जाता है। वैसे तो वर्षभर शिवालयों में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। पर विशेष रूप से श्रावण में संपूर्ण नगर शिवमय रहता है।सभी शिवालयों में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक व विशेष पूजा आराधना होती है। शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनता है।
नगर के सामाजिक संगठन पीपला वेलफेयर फाउंडेशन के संयोजक महेन्द्र पटेल बताते हैं कि गत वर्ष पहली बार राजा मोरध्वज महोत्सव के दरम्यान बाबा बागेश्वरनाथ महादेव, लोधी स्कूल पारा निवासी समाजसेवी रमेश देवांगन को स्वप्न में कहा था कि राजा मोरध्वज कृष्ण भक्त के साथ साथ शिव भक्त भी थे।
नगर के इन स्थानों में विराजमान हैं प्राचीन शिवलिंग
पंचमेश्वर (पंचमुखी) महादेव परिसर में 6, ठाकुरदिया तालाब किनारे 2, डमौवा तालाब किनारे 2, जोबेश्वर महादेव 1, नगर का सबसे विशाल भुवनेश्वर महादेव 1, बल्देश्वर महादेव 1, झलमला तालाब किनारे 2, जलसेन तालाब किनारे व ज्ञानेश्वर महादेव 2, गुलैची महादेव 1, रानीसागर तालाब किनारे त्रिलोकी महादेव 4, जलसेन तालाब किनारे बागेश्वर पारा 1, बाबा बागेश्वर महादेव 1, राजराजेश्वर मछली चौंक 1, भुरेश्वर महादेव 1, झंझनेश्वर महादेव 1, झंझनेश्वर महादेव से संलग्न 1, वटेश्वर (कंपेश्वर) महादेव 1, नवातालाब में 1, अंधियारखोप तालाब 1, गुढियारी पारा नटकेश्वर 1, नकटी तालाब किनारे जागेश्वर 1, बस स्टेंड के पीछे उमा-महेश्वर 1, कुमारेश्वर महादेव 1, कुमारेश्वर महादेव के सामने 1,महामाया तालाब किनारे अर्धनारेश्वर 1, केंवसी तालाब किनारे 2, भंडारी तालाब किनारे 2, भूरेबाबा बेनीडीह खार 1, रायदेवता आरंग बैहार 1, नकटी तालाब में डूबे 1 शिवलिंग,देवांगन निवास बड़े नकटी तालाब किनारे 1, मनबोध साहू ब्लाक कालोनी निवास 1, रमेश साहू ब्लाक कालोनी 1, बड़गुडी पारा रामेश्वर सोनी निवास 1, गोस्वामी निवास ब्राह्मण पारा 1, शेखर जलक्षत्री झंझना मंदिर समीप 1 शिवलिंग स्थापित है।