आरंग (भुनेश्वर साहू) । "जाको राखे साईंयां, मार सके न कोय। बाल न बांका करि सके, जो जग बैरी होय। यह दोहा आज आरंग में साक्षात चरितार्थ हुआ। मुंगेली से जगन्नाथपुरी दर्शन के लिए पांच युवकों की टोली निकली थी। सभी अर्टिका कार CG10 BS 1629 में सवार थे। मोरध्वज नगरी आरंग के पीपला चौक पर पहुंचे थे।
रात के करीब साढ़े तीन बजे की घटना है। सभी ओर सन्नाटा पसरा हुआ था। तेज रफ्तार कार अनियंत्रित हो गई। सामने से आ रहे ट्रक की लाइट से कार चालक की आंखें चौंधिया गई। अनियंत्रित कार पहले पीपला चौक के बोर्ड से टकराया। फिर पीपला चौरा को उखाड़ते हुए पेड़ में जाकर टिक गया। इस हादसे में कार चकनाचूर हो गया। कार में सवार ऋषभ (शुभम) पांडेय सहित उनके 5 साथी बाल-बाल बचे। इन्हें खरोच भी नहीं आयी है। घटना स्थल को देखकर सभी के जुबां पर एक ही बात है- 'जाको राखे साईंयां, मार सके न कोय।'
पीपला के पुण्य प्रताप का प्रभाव !
दुर्घटनाग्रस्त वाहन और दुर्घटनास्थल को देखकर लोग अचंभित हैं कि कार के बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने के बाद भी कार सवार लोगों को चोंटें कैसे नहीं आयी? लोग तरह-तरह की चर्चाएं कर रहे हैं। इस बीच पीपला फाउंडेशन के सेवा कार्यों की एकबार फिर जमकर चर्चा हो रही है। पीपला चौक का बोर्ड और पीपला चौरा नहीं होता तो कार सीधे गहरे गढे में गिरती। युवाओं को जब पता चला कि पीपला द्वारा गौमाता की सेवा के लिए जगह-जगह जल पात्र रखा गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए जगह-जगह पेड़ पौधे रोपे गए हैं। जल दान अभियान, पौधे दान अभियान बीते कई वर्षों से चलाया जा रहा है। तब युवाओं का कहना है कि संभवतः पीपला के पुण्य प्रताप का प्रभाव है कि हम सकुशल और सुरक्षित हैं।