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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को किया संबोधित, आपातकाल को बताया संविधान का काला अध्याय

 President Droupadi Murmu:  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, "18वीं लोक सभा के सभी नव निर्वाचित सदस्यों को बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देती हूं. आप सभी यहां मतदाताओं का भरोसा जीतकर आए हैं. देश सेवा और जन सेवा का मौका बहुत कम लोगों को मिलता है.


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, "सरकार अर्थव्यवस्था के तीनों स्तंभों -विनिर्माण, सेवाएं और कृषि को बराबर महत्व दे रही है. PLI योजनाओं और व्यापार करने में आसानी से बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. पारंपरिक सेक्टर्स के साथ-साथ सनराइज सेक्टर्स को भी मिशन मोड पर बढ़ावा दिया जा रहा है."

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा, "सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है. सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है. 

सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है. आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है.

अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने आपातकाल पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में भारत एक गणतंत्र के रूप में 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। भारतीय संविधान ने बीते दशकों में हर चुनौती और कसौटी पर खरा उतरा है। देश में संविधान लागू होने के बाद भी संविधान पर कई हमले हुए हैं। 25 जून 1975 को लागू किया गया आपातकाल संविधान पर सीधा हमला था। जब इसे लगाया गया तो पूरे देश में हाहाकार मच गया था, लेकिन देश ने ऐसी असंवैधानिक ताकतों पर विजय प्राप्त की है। मेरी सरकार भी भारतीय संविधान को सिर्फ शासन का माध्यम नहीं बना सकती। हम अपने संविधान को जनचेतना का हिस्सा बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसी के साथ मेरी सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाना शुरू किया है। हमारे जम्मू-कश्मीर में संविधान पूरी तरह लागू किया गया है, जहां अनुच्छेद 370 के कारण स्थिति अलग थी।


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