रायपुर : आज छत्तीसगढ़ के लिए बेहद ही गौरव का पल है क्योंकि वैद्य हेमचंद मांझी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद्मश्री से सम्मानित किया है। राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने वैद्य हेमचंद मांझी को सम्मानित करते हुए छत्तीसगढ़ मान बढ़ाया गया है। पद्मश्री मिलने पर छत्तीसगढ़ सराकर के अधिकृत एक्स पर हेमचंद्र माझी के बारे में बताते हुए लिखा है कि छत्तीसगढ़ के लिये गौरवपूर्ण क्षण है महामहिम द्रौपदी मूर्मू ने छत्तीसगढ़ के नारायणपुर व बस्तर जिले में पारंपरिक चिकित्सा से रोगियों को राहत पहुंचाने का कार्य कर रहे, वैद्य हेमचंद मांझी को “पद्मश्री” से सम्मानित किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथ हो पद्मश्री से सम्मानित होने वाले माझी नारायणपुर जिले के रहने वाले हैं। बतादें कि कुछ महीने पहले ही हेमचंद मांझी को पदमश्री मिलने का ऐलान किया गया था। नारायणपुर जिले में रहने वाले वैद्य हेमचंद मांझी ने अपना पूरा जीवन इन्हीं जड़ी-बूटियों की खोज करते हुए अब तक पांच दशकों से कार्य करते हुए हजारों लोगों का उपचार करने का काम किया है। आम जनता के लिए इसी तरह निस्वार्थ सेवा करने के चलते उन्हें केंद्र सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित करने का निर्णय लिया था। जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित किया गया है।
सीएम ने बताया छत्तीसगढ़ का गौरव
वैद्य हेमचंद मांझी को पद्मश्री सम्मान मिलने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ का गौरव बताया है। सीएम ने बताया कि अपनी परंपरागत जड़ी-बूटियों के माध्यम से अनेक बीमारियों में लोगों का उपचार किया है। अमेरिका जैसे देशों से भी पेशेंट आपके पास आये हैं। सीएम ने उन्हे इस जड़ी बूटी के ज्ञान को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाने की बात कही है।
बतादें कि पद्मश्री से सम्मानित मांझी ने छोटे डोंगर में ऐसे समय में लोगों का जड़ी बूटियों से इलाज करने का निर्णय लिया जब यहां स्वास्थ्य सुविधाएं बिल्कुल नहीं थी। परिवार में किसी के वैद्य के पेशे में नहीं होने के बावजूद उन्होंने सेवाभाव के चलते यह निर्णय लिया। उनके अनुभव के चलते उनका ज्ञान बढ़ता गया और नारायणपुर के अलावा दूसरे जिलों के मरीज भी उनके पास आने लगे।