रायपुर। छत्तीसगढ़ से इस वक्त बड़ी खबर सामने आ रही है। जग्गी हत्या के 5 आरोपियों में से एक याह्या ढेबर ने सरेंडकर दिया। बता दें कि 15 अप्रैल को राज्य के बहुचर्चित जग्गी हत्याकांड के 5 आरोपियों को सुप्रीम कोर्ट ने सरेंडर करने की मोहलत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने केस के आरोपियों आरसी त्रिवेदी, वीके पांडे, अमरीक सिंह गिल, सूर्यकांत तिवारी और याह्या ढेबर को सरेंडर करने के लिए तीन हफ्ते अतिरिक्त समय दिया था। बता दें कि जग्गी हत्याकाण्ड के दो शूटरों ने 15 अप्रैल को सरेंडर कर दिया है। शूटर विनोद सिंह राठौर और चिमन सिंह ने विशेष न्यायाधीश की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। बता दें कि जग्गी हत्याकांड छत्तीसगढ़ की पहली राजनीतिक हत्या थी।
4 जून 2003 की रात हुई थी रामवतार जग्गी की हत्या
4 जून 2003 की रात छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनसीपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में कुल 31 अभियुक्त बनाए गए थे, जिनमें से दो बुल्ठू पाठक और सुरेंद्र सिंह सरकारी गवाह बन गए थे। एक अमित जोगी को छोड़कर बाकी 28 लोगों को सजा दी गई थी। इसके बाद आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर कर निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।
यह राजनीतिक साजिश थी : सतीश जग्गी
हाईकोर्ट के दोषियों की अपील को खारिज किए जाने के बाद राम अवतार जग्गी के बेटे सतीश जग्गी ने कहा कि मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था। सभी अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। हमारा परिवार शुरू से कहता रहा है कि, राजनीतिक षड़यंत्र के तहत मेरे पिता की हत्या कराई गई थी।