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Tamora Murder Case : पति की हत्या करने वाली पत्नी को उम्रकैद, मासूम बेटी का भविष्य अधर में

हत्या का कारण आश्चर्यजनक :- 

अधेड़ पति, जवान पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने 

कथित तौर पर करते थे परेशान, गुस्से में पत्नी ने 

कैंची घोंपकर कर दी पति की हत्या !

हत्यारोपी - भुनेश्वरी दीवान


महासमुन्द।  पति की हत्या कर साक्ष्य छुपाने के आरोपित पत्नी को दोष सिद्ध पाए जाने पर न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन के अनुसार घटना 25 सितम्बर 2022 की रात डेढ़ से दो बजे की है। खल्लारी थाना क्षेत्र के गांव तमोरा (गांधी ग्राम के नाम से विख्यात) में  आयुर्वेद विभाग में पदस्थ कर्मचारी रामकुमार दीवान (55) अपने घर की परछी में सोया था। तभी धारदार हथियार कैंची से उसकी पत्नी भुनेश्वरी दीवान (25) ने जानलेवा हमला कर दिया। इससे उपचार के लिए अस्पताल ले जाते समय रास्ते में रामकुमार दीवान की मौत हो गई थी। 
मृतक- रामकुमार दीवान


खल्लारी पुलिस ने घटना के डेढ़ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद गहन पूछताछ और पड़ताल के बाद मृतक रामकुमार की पत्नी भुनेश्वरी दीवान को 14 नवम्बर 2022 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश की थी। तब आरोपित पत्नी भुनेश्वरी ने पुलिस को बयान दी थी कि -
" उसके अधेड़ पति, उसे (भुनेश्वरी को) बार - बार शारीरिक संबंध बनाने के लिए परेशान करते थे। इससे गुस्से में आकर पत्नी ने कैंची घोंपकर अपने पति की हत्या कर दी। " 
 हत्या का यह कारण अविश्वसनीय प्रतीत होता है।


 परिस्थितिजन्य साक्ष्य और हत्या में प्रयुक्त हथियार, गवाहों के बयान के आधार पर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश श्री अनिल कुमार पांडेय ने आरोपित पत्नी भुनेश्वरी को भादवि की धारा 302 (हत्या करना) और धारा 201 (साक्ष्य मिटाने का अपराध) के तहत दोष सिद्ध ठहराया। 
दण्ड के प्रश्न पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता वीपी गुप्ता और अभियोजन पक्ष से अतिरिक्त लोक अभियोजक भरत सिंह ठाकुर की दलीलें सुनी। अभियुक्ता की ओर से नरम रुख अपनाने का निवेदन किया गया कि उसकी दुधमुंही छोटी बच्ची है।  न्यायालय ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए माना कि प्रकरण में आजीवन कारावास से कम कारावासीय दण्डादेश देने का और कोई विकल्प नहीं है। इसलिए पति की हत्या करने की दोषसिद्ध पत्नी भुनेश्वरी दीवान (25) को धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और 100 रुपये अर्थदण्ड और धारा 201 के तहत तीन वर्ष का सश्रम कारावास और एक सौ रुपये अर्थदण्ड से दंडित किया है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी। अर्थदण्ड जमा नहीं करने पर दो महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।

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