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डॉ. सुरजीत और बिहारी लाल साहू माटी रत्न सम्मान से विभूषित

छत्तीसगढ़ साहित्य सम्मेलन कोडार में जुटे साहित्यकार

महासमुन्द। छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति महासमुन्द द्वारा माटी रतन सम्मान से धमतरी के डॉ. सुरजीत नवदीप और बरमकेला (सारंगढ़)के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बिहारी लाल साहू को विभूषित किया गया। इस अवसर पर तारक कांपा (तुमगांव) रचित देवी जसगीत पुस्तक का विमोचन किया गया।कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे कवि और लेखकों ने अपनी रचनाओं का पाठ करके भाव विभोर कर दिया।

अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए आयोजक 


मंगलवार 20 फरवरी को कोडार खल्लारी माता मंदिर परिसर में आयोजित साहित्यिक सम्मेलन के प्रमुख अतिथि डॉ. सुरजीत नवदीप धमतरी, बरमकेला (सारंगढ़) के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बिहारी लाल साहू, रायपुर से हस्य कवि रामेश्वर वैष्णव और रामेश्वर शर्मा थे। विशिष्ट अतिथि आशा मानव, तुमगांव नपा अध्यक्ष राकेश चंद्राकर, उपाध्यक्ष पप्पू पटेल, शशांक खरे , संजय शर्मा, राजकुमार धर द्विवेदी आदि मंचस्थ थे।


इस अवसर पर उपस्थित लजनों को संबोधित करते हुए नपा तुमगांव के अध्यक्ष राकेश चंद्राकर ने कहा कि साहित्यकार दीपक की तरह होते हैं। जो खुद जलते हैं और समाज में उजियारा फैलाते हैं। उन्होंने महासमुन्द क्षेत्र को उर्वरा धरती बताते हुए कहा कि यह अद्वितीय और अविस्मरणीय आयोजन है। छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन पर गर्व महसूस करते हुए कहा कि धन हमर भाग कि दूर-दूर से विद्वान कवियों का खल्लारी माता के दरबार में हाजिरी लगी है। छत्तीसगढ़ी को समृद्ध करने की दिशा में साहित्यकारों का प्रयास प्रशंसनीय है। 


डॉ. सुरजीत नवदीप ने हास्य विनोदपूर्ण माहौल में अपने सफेद बालों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमने काला धन को सफेद कर लिया है। छत्तीसगढ़ साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर डॉ बिहारी लाल साहू ने छत्तीसगढ़ी साहित्य में पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी के योगदान का पुण्य स्मरण करते हुए व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। प्रमुख वक्ता कवि रामेश्वर वैष्णव ने 'बने करे राम मोला अंधरा बनाए' गाकर सबका दिल जीत लिया। हास्य व्यंग्य के सुपरिचित कवि रामेश्वर वैष्णव रायपुर ने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि "मैं दिल से छत्तीसगढ़ी,दिमाग से हिन्दी और जब झूठ बोलना रहता है तो अंग्रेजी में बोलता हूँ।" छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के प्रथम अध्यक्ष पद्मश्री पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी जीवन पर्यन्त छत्तीसगढ़,छत्तीसगढ़ी और  छत्तीसगढ़ियों के स्वाभिमान को जगाने का काम करते रहे। हर छत्तीसगढ़िया को उनके इस चिंतन को जीना चाहिए यही स्व.चतुर्वेदी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। माँ खल्लारी के आँगन में सुरजीत नवदीप जैसे संत कवि और निश्छल भाव के साहित्यकार,भाषाविद् डॉ. बिहारीलाल साहू  को माटी-रतन सम्मान से विभूषित किया गया। यह हम सभी को गौरवान्वित करने वाला पल है।। छत्तीसगढ़ी साहित्य समिति जिला महासमुन्द के पदाधिकारी और सदस्य साधुवाद के पात्र हैं, जो छत्तीसगढ़ के सच्चे सपूतों को सही परख कर उन्हे आज सम्मानित किया। देश के अन्य हिस्सों में सुरजीत नवदीप की पीली पगड़ी छत्तीसगढ़ की पहचान है, वहीं पृथक छत्तीसगढ़ के मुद्दे को जीवंत बनाये रखने वे हमेशा मुखर रहे। डॉ. बिहारीलाल साहू ग्यारह सौ से अधिक छत्तीसगढ़ी पहेलियाँ संग्रहित कर अद्वितीय उल्लेखनीय कार्य कर छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध किया है।शायद ही विश्व की अन्य भाषाओं में इतनी तादाद में पहेलियाँ हो।

डॉ. सुरजीत नवदीप ने हास्य विनोदपूर्ण माहौल में अपने सफेद बालों की ओर इशारा करते हुए कहा कि "हमने काला धन को सफेद किया है। जवानी तुझे सलाम करते हैं,बुढ़ापा तुम्हे प्रणाम करते हैं। जितना जीना था जी लिया,अब सब को राम राम करते हैं। " छत्तीसगढ़ी साहित्य के प्रमुख हस्ताक्षर डॉ.बिहारीलाल साहू ने छत्तीसगढ़ी साहित्य में पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी के योगदान का पुण्य स्मरण करते हुए उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। स्व. चतुर्वेदी तन-मन-धन से छत्तीसगढ़ी भाषा की सेवा की। सरल सहज छत्तीसगढ़ी हमारी मातृभाषा है यह हमारे लिये बड़ा गर्व है। हास्य व्यंग्य कवि चन्द्रशेखर शर्मा ने सुरजीत नवदीप एवं डॉ. भूपेन्द्र सोनी ने डॉ. बिहारीलाल साहू के व्यक्तित्व और कृतित्व का पठन किया। समिति के संरक्षक शशिकुमार शर्मा,दाऊलाल चन्द्राकर, एवं अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों को खादी गमछा,नारियल व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।

अतिथियों के करकमलों से समीपस्थ ग्राम कांपा निवासी लक्ष्मण सिंह तारक के छत्तीसगढ़ी देवी जसगीत सँग्रह का विमोचन हुआ।इस सँग्रह की विशेषताओं पर विशेष अतिथि साहित्यकार रामेश्वर शर्मा ने सविस्तार प्रकाश डाला। सँग्रह प्रकाशन पर श्री तारक के छत्तीसगढ़ी लेख का पठन बन्धु राजेश्वर खरे ने किया। श्री तारक ने देवी जसगीत का सस्वर पाठ किया।इस अवसर पर वक्ताओं ने छत्तीसगढ़ी भाषा के विद्वजन डॉ.नरेन्द्र देव वर्मा,नारायण लाल परमार,त्रिभुवन पाण्डेय,पवन दीवान,स्वामी कृष्णा रंजन,मुकिम भारती,मुकुन्द कौशल,सुशील यदु,लक्ष्मण मस्तुरिया का पुण्य स्मरण किया। बतौर विशेष अतिथि नगर पंचायत तुमगांव के उपाध्यक्ष  पप्पू पटेल,कवियित्री आशा मानव, राजकुमार धर द्विवेदी,शशांक खरे,संजय शर्मा कबीर मंचस्थ रहे।अतिथियों ने माँ सरस्वती व स्व.पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी जी की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस सत्र का संचालन  रूपेश तिवारी ने काव्यशैली व बड़े ही रोचक अंदाज में किया। इस अवसर पर जिला स्काउट गाईड ऐतराम साहू,किशोर चन्द्राकर अध्यक्ष,जय माँ खल्लारी मंदिर सेवा समिति,लक्ष्मीचंद देवांगन जिला अध्यक्ष देवांगन समाज,यशवंत सिन्हा,चमन साहू अध्यक्ष,विकास समिति अयोध्यानगर,रामकुमार साहू एच आर साहू,शिवकुमार साहू,रविशंकर चन्द्राकर सिसदेवरी,डेरहूराम साहू,द्रोणाचार्य तारक,मेघनाथ साहू,हीरूराम निर्मल कर ग्राम कांपा सहितकाफी संख्या में काव्य रसिक उपस्थित रहे।संचालन टेकराम सेन 'चमक' और आभार ज्ञापन आनंदराम पत्रकारश्री ने किया। 



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