Serial Bomb Blast Case: सीरियल बम ब्लास्ट केस में अजमेर की टाडा कोर्ट ने आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है। जबकि दो आतंकी इरफान और हमीमुद्दीन को दोषी माना गया है। सीरियल बम ब्लास्ट केस में करीब 30 साल बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
अजमेर की टाडा कोर्ट के जज महावीर प्रसाद गुप्ता ने सैकड़ों गवाहों, सबूतों और सालों चली बहस के बाद आतंकी अब्दुल करीम टुंडा पर फैसला सुनाते हुए उसे बरी कर दिया। वहीं अन्य दो आरोपी इरफान और हमीमुद्दीन को न्यायालय ने दोषी मानते हुए उन्हें उम्र कैद की सजा सुनाई है। आतंकियों की सुरक्षा को लेकर टाडा कोर्ट के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
6 दिसंबर 1993 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कोटा, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। 28 फरवरी 2004 को टाडा कोर्ट ने ही मामले में 16 अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपियों को बरी कर शेष की सजा बहाल रखी थी, जो जयपुर जेल में बंद है अब्दुल करीम टुंडा, हमीदुद्दीन और इरफान अहमद के खिलाफ टाडा कोर्ट के जज महावीर प्रसाद गुप्ता ने अपना फैसला सुनाया। जिसमें अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया गया है। हमीदुद्दीन और इरफान पर आंध्र प्रदेश, यूपी, गुजरात राजस्थान और महाराष्ट्र के शहरों में बम ब्लास्ट करने का आरोप था। वहीं, अब्दुल करीम टुंडा पर मामले का मास्टरमाइंड होने का आरोप था।