रायपुर : बीजेपी नेता विजय बघेल की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को नोटिस जारी किया है, साथ ही इलेक्शन कमीशन को भी हाईकोर्ट की एकल पीठ ने नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। इधऱ पार्टी वाले लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दबाव बना रहे तो उधर विधायकी को लेकर याचिका की सुनवाई में जवाब मांगा है कोर्ट ने।
भाजपा नेता विजय बघेल ने अपने वकील टी.के झा के जरिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई है, जिसमें पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है, कि चुनाव के दौरान प्रचार करने की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी भूपेश बघेल ने पाटन की जनता के बीच प्रचार कर रहे थे, जो कि आचार संहिता का उल्लंघन है।
विजय बघेल ने भूपेश बघेल की पाटन से विधायकी समाप्त करने की मांग हाईकोर्ट से की है। पूरे मामले की सुनवाई जस्टिस पी.पी.सीहू की एकल पीठ में हुई। मामले पर अगली सुनवाई अब 26 फरवरी को होगी।
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि, 2023 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके ही भतीजे विजय बघेल आमने-सामने थे। 3 दिसंबर को चुनावी नतीजों में कांग्रेस के भूपेश बघेल ने भाजपा के विजय बघेल को 19,723 वोटों से हरा दिया था।
इधर चुनाव आयोग की ओर से मौजूद वकील राकेश झा के आवेदन पर कोर्ट ने पाटन चुनाव के बाद सील किए गए EVM मशीन और VVPAT मशीन को भी आजाद करने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने कहा कि लोकसभा चुनावों में इलेक्शन कमीशन इन्हें इस्तेमाल कर सकता है।
नियम के अनुसार अगर चुनावी नतीजों को लेकर आपत्ति जताते हुए कोई प्रत्याशी कोर्ट में चुनाव याचिका दायर करता है तब उस चुनाव में इस्तेमाल हुई इन मशीनों को कोर्ट का मामले में अंतिम फैसला आने तक सील कर दिया जाता है।
चुनाव आयोग की और से वकील राकेश झा ने कोर्ट में कहा की, आगामी लोकसभा चुनावों में इनकी आवश्यकता है,ऐसे में इनके इस्तेमाल को लेकर अदालत अपनी स्वीकृति प्रदान करें, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया।