Chhattisgarh Rice and DMF Scam : छत्तीसगढ़ में कोयल और शराब घोटाले के बाद अब चावल और DMF घोटाला सामने आया है। इस दोनों घोटालों में एसीबी ने कुल 104 लोगों को दोषी बनाया गया है साथ ही उनपर मामला भी कर लिया गया है। इन दोषियों में आईएएस और आईपीएस ऑफिसर समेत नेता शामिल है।
DMF घोटाला मामले में आईएएस रानू साहू समेत 10 लोगों को नामजद कर आरोपी बनाया गया है। इसमें कारोबारी संजय शेंडे, मुकेश अग्रवाल, रिषभ सोनी समेत बिचौलियों की भूमिका निभाने वाले मनोज द्विवेदी, पियूष सोनी, अब्दुल और शेखर समेत अन्य लोक सेवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। वहीं चावल घोटाले मामले में मनोज सोनी, प्रीतिका पूजा केरकेट्टा, कैलाश रूंगटा, पारसमल चोपड़ा और रोशन चंद्राकर के खिलाफ FIR दर्ज की है।
ईडी के प्रतिवेदन रिपोर्ट पर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने अपराध क्रमांक-02/2024 धारा 120बी, 420 भादवि एवं धारा-7, धारा-12 के तहत् मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिकायत के मुताबिक, कोरबा में तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू के साथ उनके मातहत अफसरों ने निविदा भरने वाले के साथ सांठगांठ की थी। डीएमएफ के पैसों से कराए जाने वाले कामों की निविदाओं के आबंटन में, बिल पास कराने के लिए, सामानों के वास्तविक मूल्य से कई गुना ज्यादा दाम के बिल पास किए गए।
शिकायत में जिन ठेकेदारों पर अफसरों को लाभ पहुंचाने की शिकायत है, उनमें संजय शेण्डे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, रिषभ सोनी और बिचौलिए मनोज कुमार द्विवेदी, रवि शर्मा, पियूष सोनी, पियूष साहू, अब्दुल, शेखर के नाम शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक कोरबा जिले में DMF से टेंडर्स के आंबटन में बड़े पैमाने पर पैसों का लेन-देन हुआ है। गलत ढंग से टेंडर की दरें तय कर ठेकेदारों को सीधे लाभ पहुंचाया गया, जिसके कारण प्रदेश शासन को बड़ी आर्थिक हानि हुई है।
शिकायत में प्रतिवेदन में यह भी साफ-साफ कहा गया है कि, अफसरों को कुल टेंडर दर में से लगभग 40 प्रतिशत रकम दिए गए। इतना ही नहीं बल्कि एक निजी कम्पनी को भी इन निविदाओं के लिए 15 से 20 प्रतिशत अलग-अलग दरों से कमीशन दिया गया है। इसी तरह प्रदेश के कई जिलों में डी.एम.एफ. में भारी वित्तीय अनियमितता बरतकर शासन को नुकसान पहुंचाया गया है।