दुर्ग पुलिस ने तपन सरकार को न्यायालय में पेश कर दिया है और बाकि के लोगों से पूछताछ कर रही है। बता दें कि बीते आठ मार्च को खुर्सीपार में शुभम राजपूत नाम के युवक की हत्या हुई थी। उक्त हत्याकांड में पुलिस ने सेवकराम नाम के आरोपित को गिरफ्तार किया था। घटना के नौ महीने बाद अचानक से तपन सरकार को इस हत्याकांड से जोड़ा गया था।
पुलिस का तर्क था कि तपन सरकार के कहने पर ही सेवकराम ने शुभम राजपूत की हत्या की थी। घटना को सुलझाने के बाद पुलिस ने ही ये बात कही थी कि शुभम सिंह खुर्सीपार में तपन सरकार के नाम पर लोगों से वसूली करता था। होली के दिन भी वो सेवकराम से रुपये मांग रहा था और उसी दौरान हुए विवाद के बाद सेवकराम के हाथों शुभम राजपूत की हत्या हो गई थी।
इस हत्याकांड में तपन सरकार का नाम आने के बाद से वो फरार था। दो दिन पहले ही वो चंपारण के एक फार्म हाउस में आया था और वहां पर छिपा हुआ था। जिसकी जानकारी लगने के बाद पुलिस ने वहां पर छापामार कार्रवाई की। तपन सरकार के साथ ही पुलिस ने उसके गैंग के पुराने साथी रहे विद्युत चौधरी, प्रभाष सिंह, सतीश चंद्राकर, अन्नु दुबे व एक अन्य को भी फार्म हाउस से पकड़ा है। बताया जा रहा है कि इनमें से तपन सरकार को न्यायालय ले जाया गया है। बाकि के आरोपितों को अलग अलग थानों में रखा गया है।