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व्यक्तित्व : युवाओं के लिए रोल मॉडल हैं खिलेश देवांगन, संघर्षों के दौर से जनपद अध्यक्ष बनने तक का सफर

छत्तीसगढ़ के रायपुर जिला अंतर्गत आरंग विकासखण्ड के ग्राम कोरासी (खरोरा) में खिलेश देवांगन का 12/12/1985 को जन्म हुआ। बारह-बारह के विशिष्ट जन्मदिन का जातक होने से बारंबार संघर्ष के साथ ही सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचने का योग बना है। बहुत कम उम्र में जनपद पंचायत आरंग के अध्यक्ष पद पर आसीन होने का अवसर इन्हें मिला है। स्नातकोत्तर और एलएलबी तक शिक्षित देवांगन राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में जाने जाते हैं। जनता से जीवंत संपर्क उनकी सफलता की कुंजी है।

खिलेश देवांगन, जनपद अध्यक्ष आरंग.

'मीडिया24मीडिया' के प्रधान संपादक आनंदराम पत्रकारश्री से खास बातचीत में उन्होंने अपनी सफलता की राज का रहस्योद्घाटन किया।

कम उम्र में जनपद अध्यक्ष बनने का कीर्तिमान

खिलेश देवांगन आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। राजनीति में जमीनी स्तर पर खास पकड़ और बहुत कम उम्र में जनपद अध्यक्ष बनने का कीर्तिमान उनके नाम है। गांव की गलियों से निकलकर राजनीतिक क्षितिज में एक खास मुकाम हासिल करना कम कठिन नहीं है। आरंग क्षेत्र के युवाओं लिये प्रेरणास्रोत बनकर राजनीति में सक्रिय खिलेश देवांगन की सफलता की कहानी प्रेरक है। उनका कहना है कि बहुत कम उम्र में बड़ी उपलब्धि तभी हासिल होता है, जब संघर्ष, मेहनत, लगन और जिम्मेदारी पूरी ईमानदारी से निभाएं।

एक कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ पत्रकार आनंदराम पत्रकारश्री के साथ सेल्फी लेते हुए जनपद अध्यक्ष खिलेश देवांगन।

गांव में साधारण किसान परिवार में जन्म लिए खिलेश देवगन बचपन से ही मित्र मंडली का नेतृत्व करते रहे। इससे उनके भीतर एक अच्छे लीडरशिप का गुण विकसित हुआ। प्रारम्भिक शिक्षा गांव के स्कूल में हुई। स्नातक और खातकोत्तर की डिग्री छत्तीसगढ़ कॉलेज रायपुर से पढ़कर हासिल किया। बचपन से ही स्कूली शिक्षा के दौरान भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने से वाकपटुता का विकास हुआ। बोलते-बोलते अच्छे वक्ता बन गए। भाषण के प्रति लगाव ने उन्हें कब अच्छा वक्ता बना दिया, पता ही नहीं चला। पढ़ाई के साथ-साथ एनसीसी और एनएसएस में भी सक्रिय भूमिका निभाई।

छात्र जीवन से ही राजनीति में भागीदारी

छात्र जीवन से ही युवा काग्रेस संगठन से जुड गए। इससे प्रदेश स्तर पर एक अलग पहचान बनी। बहुत कम समय में संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई। कोरबा, बलौदाबाजार, दुर्ग, कबीरधाम, बिलासपुर जिलों का दौरा करके संगठन को मजबूत करने में सक्रिय रहे।

खिलेश देवांगन का कहना है कि वे प्राध्यापक बनकर उच्च शिक्षा से जुड़ना चाहते थे। लोक सेवा आयोग के माध्यम से कैरियर बनाना बाहते थे। प्रशासनिक सेवा के लिए अध्ययन में जुटे थे। इसी बीच राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ दौरा हुआ। युवाओं के प्रति उनकी सोच, लोकतांत्रिक प्रक्रिया से युवा काग्रेस संगठन का चुनाव प्रणाली से प्रभावित लेकर युवा कांग्रेस चुनाव 2010 में उम्मीदवारी की और आरंग विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा उपाध्यक्ष निर्वाचित हुए। 2012 में हुए संगठन चुनाव में युवा कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष बने। संगठन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पार्टी को मजबूत करने जुटे रहे। 2016 में फिर से युवा कांग्रेस का चुनाव हुआ, जिसमें छतीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस का सचिव बने। फिर छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव की अहम जिम्मेदारी मिली।

संगठन से पंचायती राज व्यवस्था में कदम

त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था में सक्रिय भागीदारी निभाने का निश्चय किया। पहली बार पंचायती राज चुनाव में जनपद सदस्य की उम्मीदवारी की। जिसमें निकटतम प्रतिद्वंदी को डेढ़ हजार से अधिक मतों के अंतर से मात देकर जनपद सदस्य निर्वाचित हुए। कम उम्र का जनपद सदस्य होने के बजूद अध्यक्ष बनना किसी चुनौती से कम नहीं था। क्षेत्रीय विधायक व छतीसगढ़ प्रदेश के तत्कालीन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया के विशेष स्नेह और आशीर्वाद से खिलेश देवांगन आरंग जनपद पंचायत के निर्विरोध अध्यक्ष बने। खिलेश का कहना है कि राजनीति में मध्यवर्गीय, गरीब परिवार के लिए क्षेत्र के साथ पूरे प्रदेश में एक नया इतिहास बना। मेहनत करने वालों को सफलता अवश्य मिलती है। बड़ी उपलब्धि तभी मिलती है, जब मेहनत और लगन से काम किया जाए।

परिश्रम, लगन और समर्पण ही सफलता की कुंजी

संगठन में सक्रिय रहे युवा नेता के लिए सता में भागीदारी एक नया अनुभव था। 12 साल की लंबी राजनीति में अब एक नया मोड़ आया। क्षेत्र के युवा नेता खिलेश देवांगन सत्ता और संगठन में निरंतर बड़ी जिम्मेदारी निभा रहे हैं। आरंग जनपद पंचायत अध्यक्ष के साथ संगठन में छतीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव का दायित्व बखूबी निभा रहे है। वे छतीसगढ़ प्रदेश युवक देवांगन समाज के प्रदेशाध्यक्ष भी हैं।

बहुत कम लोग होते हैं जिन्हें सता और संगठन में साथ-साथ काम करने का अवसर मिलता है। कम उम्र के युवा नेता की सक्रिय भूमिका की चर्चा क्षेत्र में होती है। इन्होंने कोरोना काल में लगातार लोगों की सेवा की। खुद की जान जोखिम में डाल कर गरीब मजदूर परिवार के लिए संघर्ष करते रहे। जन्मदिन के अवसर पर युवाओं के लिए उनका एक ही संदेश है कि निरन्तर परिश्रम, लगन और समर्पण ही सफलता की कुंजी है। हर युवा सक्रिय होकर सफलता के शिखर पर पहुंच सकते हैं।
(इम्पैक्ट फीचर)


पारिवारिक पृष्ठभूमि

खिलेश देवांगन (B.A. M.A. L.L.B.)

माता- श्रीमती निर्मला देवांगन

पिता- श्री भागीरथी देवांगन

बड़े भाई - छगनलाल देवांगन

छोटे भाई- सूरज देवांगन

बहनें :- खिलेश्वरी देवांगन और ममता देवांगन

निवास :- ग्राम पोस्ट कोरासी, थाना-खरोरा, विधानसभा-आरंग

जिला -रायपुर, छत्तीसगढ़, 

संपर्क मो. नं. : 9827867778, 9993377232

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