Amit Shah on CRPC Bill : लोकसभा ने बुधवार को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक में एक संशोधन पारित कर दिया। इसमें किसी चिकित्सक के लापरवाह कृत्य के कारण मौत के मामले डॉक्टरों को दोषी नहीं माना जाएगा। ऐसे में सजा को घटाकर दो साल करने का प्रावधान है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है।
गृह मंत्री अमित शाह ने औपनिवेशिक युग के आपराधिक कानूनों को बदलने के लिए तीन विधेयकों पर लोकसभा में बहस का जवाब देते हुए कहा, ‘वर्तमान में अगर किसी डॉक्टर की लापरवाही से कोई मौत होती है तो उसे भी गैर इरादतन हत्या माना जाता है। मैं डॉक्टरों को इससे मुक्त करने के लिए अब एक आधिकारिक संशोधन लाऊंगा।’
हो सकती है दो वर्ष तक की सजा
अमित शाह ने आगे कहा कि यदि ऐसा कार्य किसी पंजीकृत चिकित्सक द्वारा चिकित्सा प्रक्रिया करते समय किया जाता है, तो उसे दो वर्ष तक की कैद की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसमें खंड 106(1) लापरवाही से मौत का कारण बनने से संबंधित है।
शाह ने कहा कि संशोधन में गैर इरादतन हत्या के मामलों में डॉक्टरों की सजा कम करने का प्रावधान है। गृह मंत्री ने कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में उन्हें पत्र लिखा था।