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प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं कहतीं, मैं लड़की हूं लड़ सकती हूं - भाजपा

 रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदार गुप्ता ने सवाल किया है कि प्रियंका गांधी पंच तक नहीं हैं, तब वे किस हैसियत से जनता के पैसे पर पंचइती कर रही हैं? कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कांकेर में दिए गए भाषण की पंच लाइन टेग लाइन को लेकर लेकर घेरते हुए कहा कि प्रियंका गांधी अक्सर भाजपा शासित राज्यों में जाकर कहती हैं कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं, लेकिन कांग्रेस शासित राज्यों के दौरे में कभी भी ऐसा नहीं कहती हैं। 


उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी हाल ही में कम से कम 4 बार छत्तीसगढ़ के प्रवास पर आ चुकी हैं, लेकिन उनके द्वारा छत्तीसगढ़ में एक बार भी नहीं कहा गया कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं। क्योकि वे छत्तीसगढ़ के समाचार पत्रों को पढ़ती होंगी कि पांच साल की लड़की के साथ बलात्कार हो गया, रक्षाबंधन के दिन दो लड़कियों से सामूहिक बलात्कार हो गया, शिक्षक दिवस के दिन ही एक महिला शिक्षक से सामूहिक बलात्कार हुआ, एक लड़की को जिंदा जला दिया गया। एक लड़की की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। 

ऐसी अनेक घटनाओं को देखने के बावजूद कभी प्रियंका गांधी ने ट्वीट भी नहीं किया कि भूपेश जी आप महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा करें। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि मैंने प्रियंका जी का ट्वीटर एकाउंट देखा है। अगर मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश में छोटी सी भी घटना होती है तो उनका तुरंत ट्वीट आ जाता है। उन्होंने प्रियंका गांधी से सवाल किया है कि क्या छत्तीसगढ़ की बहन -बेटियों से उनका कोई वास्ता नहीं हैं? प्रियंका गांधी छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार के काले कारनामों के कारण, सरकार की असफलता के सामने घुटने टेक देती हैं? क्या उन्हें ऐसा कहना चाहिए कि मैं लड़की हूं और सरकार के सामने घुटने टेक देती हूं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाले अत्याचार, बलात्कार की घटनाओं को लेकर न तो कभी मुख्यमंत्री को और न ही गृहमंत्री को ट्वीट करती हैं, न कोई संदेश देती हैं और न ही उनके साथ कोई उच्च स्तरीय बैठक करती हैं। 

क्या प्रियंका गांधी केवल यहां राजनीति करने आती हैं। बस्तर में शांति बहाली की बात कही है तो हम पूछना चाहते हैं कि बस्तर के फाइटर जवान का किडनैप कर लिया गया तो क्या प्रियंका गांधी ने कोई सवाल किया? वो कहती हैं कि जातिगत जनगणना करेंगे तो 2011 की सूची में शामिल जो गरीब मकान मांग रहे थे। मोदी जी ने 16 लाख गरीब परिवारों के लिए पक्के मकान के लिये छत्तीसगढ़ सरकार को पैसा भी भेजा। 

कांग्रेस सरकार ने गरीबों को मकान नहीं दिए। अब जातिगत जनगणना करा कर क्या करना चाहते हैं? क्या दलित, आदिवासियों को मकान नहीं देना चाहते? जातिगत जनगणना के नाम पर 16 लाख परिवारों के मकान को क्यों रोक रखे हैं भूपेश जी? उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को भूपेश बघेल ने यह नहीं बताया कि पिले पांच साल से 16 लाख परिवारों के मकान को हमने रोक कर रखा है। आप चुनाव में आएंगी तो कह दीजिएगा कि अगर हमारी सरकार सत्ता में आई तो दस लाख मकान बनाकर देंगे। 

उन्होंने कहा कि आप आत्मानंद स्कूल की बात करती है। जावंगा आत्मानंद स्कूल हैं जहां 1000 बच्चियां पढ़ती हैं और मात्र 20 शिक्षक हैं। आज ये बच्चियां सड़क पर आंदोलन करने विवश हैं। क्या आपने ये समाचार, वीडियो नहीं देखा? आप किस आधार पर आत्मानंद स्कूल की तारीफ करती हैं? जबकि यह हड़बड़ी में लिया गया सरकार का डिसीजन है। जो जबर्दस्ती स्कूल का रंगरोगन करा कर बच्चों को उसमें ठूंस दिया गया। भाजपा सरकार आयेगी और नए अंग्रेजी स्कूल व्यवस्थित तरीके से बनायेंगे। शिक्षकों की पर्याप्त भर्ती करेंगे ताकि छत्तीसगढ़ के बच्चे-बच्चियों को शिक्षा की पूरी सुविधा मिल सके।

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