राजस्थान में उदयपुर जयपुर वंदे भारत ट्रेन 2 अक्टूबर को बड़े हादसे का शिकार हो सकती थी। हालांकि यह हादसा टल गया जिसका पूरा श्रेय ड्राइवर को जाता है। वंदे भारत ट्रेन उदयपुर से निकलने के बाद चित्तौड़गढ़ जिले में गंगरार स्टेशन से जैसे ही निकली, ड्राइवर को ट्रैक पर किसी के द्वारा रखे गए बड़े पत्थर दिखाई दिए। बड़े पत्थरों को देखने के बाद ड्राइवर ने तत्काल ही ब्रेक लगाए। ड्राइवर द्वारा बिना किसी देर के लगाए गए ब्रेक से सैकड़ो लोगों की जान बच गई और एक बड़ा हादसा होने से टल गया।
इस पूरे मामले की जांच रेलवे पुलिस फोर्स चित्तौड़गढ़ में शुरू कर दी है। बता दें कि उदयपुर जयपुर वंदे भारत ट्रेन को 24 सितंबर को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इस दौरान देशभर में कुल 9 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई गई थी। वंदे भारत ट्रेन मंगलवार को छोड़कर पूरे सप्ताह भर में सुबह अपने तय समय पर निकलती है और दोपहर तक जयपुर पहुंच रही है। इसी बीच दो अक्टूबर को यह बड़ा हादसा होने से टल गया जिसमें मुख्य भूमिका ड्राइवर की सूझबूझ की रही। जानकारी के मुताबिक वंदे भारत ट्रेन उदयपुर से 2 अक्टूबर की सुबह निकाली। इसके बाद चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार स्टेशन के आगे पहुंची। इसी दौरान सोनिया ना स्टेशन से पहले ड्राइवर ने ट्रैक पर कुछ देखा और अचानक ब्रेक लगा दिए। ड्राइवर और स्टाफ पुत्री पर देखने के लिए उतरे तभी उन्हें ट्रैक पर पत्थर बिछाए हुए दिखाई दिए। बता दें की ट्रेन को जहां रुक गया था उसे 20 मीटर के दायरे में तीन से चार जगह पर पत्थरों को बिछाया हुआ था। हालांकि बाद में कर्मचारियों ने पत्थरों को हटाया। वही पत्थरों को रखने से साफ जाहिर होता है की ट्रेन को पटरी से उतरने की साजिश रची गई थी।
इस षड्यंत्र को ड्राइवर की सूझबूझ से नाकाम कर दिया गया। इस मामले पर रेलवे के परामर्श दात्रि समिति अजमेर रेलवे मंडल के सदस्यों का कहना है कि आपराधिक तत्व षडयंत्रों के तहत यह काम कर गए हैं। ऐसे शरण के कार्यों और अपराधियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए। जनता के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस एक बहुत सुविधाजनक ट्रेन चली है लेकिन कुछ लोग ऐसे दुष्कृत्य कर रहे हैं।