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Israel- Hamas War : इजरायल और हमास के बीच जंग जारी, अब तक 1100 से ज्यादा लोगों की मौत

 Israel- Hamas War : इजरायल पर हमास के हमले के बाद दोनों पक्षों से मरने वालों की संख्‍या 1,100 के पार चली गई है. दशकों पुरानी चली आ रही दुश्‍मनी के बीच शनिवार की सुबह हमास ने अचानक फिलिस्‍तीन की ओर से आसमानी हमला शुरू कर दिया, जब इजराइल में लोग गहरी नींद में सो रहे थे. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू को युद्ध की घोषणा करनी पड़ी. ये लड़ाई तीसरे दिन भी जारी है.


शनिवार सुबह गाजा पट्टी के बाहर हुए हमलों में 700 से अधिक इजरायली मारे गए, जिनमें से अधिकांश आम नागरिक थे. वहीं इस लड़ाई और जवाबी हमलों में लगभग 400 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. इजरायली सेना ने आतंकी घुसपैठ किए गए अधिकांश क्षेत्रों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है.

इजरायल का कहना है, 'युद्ध तब तक नहीं खत्‍म होगा, जब तक हमास के मिलिट्री इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को नष्‍ट नहीं कर दिया जाता. इस काम में कई महीने लग सकते हैं.

इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्‍ता का कहना है कि हमले में लगभग 1,000 आतंकवादी शामिल थे. उन्‍होंने X पर पोस्‍ट किए गए एक लाइव वीडियो में ये बात कही. उन्‍होंने कहा, '2,100 से ज्‍यादा इजरायली घायल हुए हैं. इनमें गंभीर रूप से घायलों की एक बड़ी संख्‍या हो सकती है.'

इजरायल पर हमास के हमले ने क्षेत्रीय स्थिरता और बाजारों को हिलाकर रख दिया है. युद्ध के चलते मिडिल-ईस्‍ट में तनाव बढ़ने के खतरे के बीच तेल की कीमतें 5% बढ़ गई हैं, जिसकी वैश्विक आपूर्ति में लगभग एक तिहाई हिस्सेदारी होती है. वॉर-रिस्‍क प्रीमियम के बाजार में लौटने के चलते वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) का कारोबार 87 डॉलर प्रति बैरल के करीब चल रहा है.

इजरायल की घटनाएं तेल आपूर्ति के लिए तत्काल खतरा तो पैदा नहीं करती हैं, लेकिन इस संघर्ष के अधिक विनाशकारी युद्ध में बदलने का खतरा बना हुआ है. समर्थन और विरोध की राजनीति के बीच अमेरिका और ईरान आपस में उलझ सकते हैं.

हमलों में शामिल होने की खबरों के बीच ईरान के खिलाफ कोई भी जवाबी कार्रवाई होर्मुज जलडमरूमध्य से जहाजों के गुजरने को खतरे में डाल सकता है. होर्मुज एक महत्वपूर्ण नहरनुमा रास्‍ता है, जिसे ईरान ने पहले बंद करने की धमकी दी है.

वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने लेबनान में शिया आतंकवादी समूह और राजनीतिक गुट 'हमास' और हिजबुल्लाह के अज्ञात वरिष्ठ सदस्यों का हवाला देते हुए बताया कि ईरानी सुरक्षा अधिकारियों ने महीनों तक लगातार कई बैठकों के बाद हमास को इजरायल पर हमले की योजना बनाने में मदद की. WSJ ने कहा कि हमास को पिछले सोमवार को बेरूत में हमले के लिए 'हरी झंडी' दी गई थी.


एशियाई ओपन से डॉलर अपने ज्‍यादातर कंपटीटर करेंसीज के मुकाबले मजबूत हुआ, कारण कि करेंसी ट्रेडर्स को हमास के हमले पर प्रतिक्रिया का पहला मौका मिला. ग्रीनबैक, जिसे संकट के समय में आश्रय के रूप में देखा जाता है, यूरो और पाउंड के मुकाबले कम से कम 0.2% बढ़ गया, जबकि ऑस्ट्रेलियाई और कीवी जैसी रिस्‍क करेंसी कमजोर हो गईं.

हमले पर भारत और अन्‍य देशों का रुख
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, राज्य सचिव एंटनी ब्लिंकन और सऊदी विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने एक कॉल पर इस युद्ध को लेकर चर्चा की. ब्लिंकन ने सऊदी अरब की भागीदारी को प्रोत्साहित किया. सऊदी अरब ने दोनों पक्षों के बीच तनाव को तत्काल रोकने, नागरिकों की सुरक्षा और संयम बरतने की अपील की है. ईरान सऊदी के इस रुख से चिढ़ा हुआ है.

अमेरिका ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के ज्‍यादातर सदस्यों ने इस हमले के लिए हमास की निंदा की है.' राजदूत रॉबर्ट वुड ने कहा, 'बड़ी संख्‍या में देशों (सभी नहीं) ने हमलों की निंदा की है. मैं वास्तव में उसमें नहीं पड़ना चाहता. मुझे लगता है कि आप शायद मेरे कुछ कहे बिना ही उनमें से एक का पता लगा सकते हैं.'

UAE के राजदूत लाना नुसेबीह ने कहा कि तत्काल चिंता बंधकों की सुरक्षित और बिना शर्त वापसी है. खबरों के अनुसार, फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने 30 से अधिक इजरायली को बंधक बना रखा है. समूह के नेता जियाद अल-नखला ने कहा है, 'जब तक इजरायल में सभी इस्लामिक जिहाद कैदियों को भी मुक्त नहीं कर दिया जाता, तब तक बंधकों को नहीं छोड़ा जाएगा.'

संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने कहा, 'गाजा का हर इंच हमास की युद्ध मशीन का हिस्सा बन गया है. हमने कसम खाई कि इजरायल, समूह के सभी आतंकी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को नेस्‍तनाबूत कर देगा.' अमेरिका, इस युद्ध में इजरायल की मदद कर रहा है, वहीं भारत ने भी इजरायल का समर्थन किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर पोस्ट किया, 'इजरायल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. हम इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं.'

भारत में इजरायल के महावाणिज्य दूत कोबी शोशानी ने कहा, 'इस हमले पर भारत का रुख आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक युद्ध में वास्तव में अहम है.' उन्‍होंने कहा, 'आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में आज भारत सरकार का रुख महत्वपूर्ण है. प्रधानमंत्री मोदी एक वैश्विक नेता हैं और एक राज्य, एक मित्र और एक भाई के रूप में हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.'

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