नई दिल्ली : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने दो सीटों वाला पहला हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस वायुसेना को सौंप दिया. कंपनी ने कहा कि इस विमान में वायुसेना की प्रशिक्षण जरूरतों में सहयोग की सारी क्षमताएं हैं.
यह एक हल्का, हर मौसम में बहुआयामी भूमिका निभाने में सक्षम 4.5 श्रेणी का विमान है. वायुसेना को तेजस सौंपे जाने के कार्यक्रम में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट मुख्य अतिथि रहे. वायु सेना प्रमुख वीआर चौधरी और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में विमान का अनावरण किया गया. विमान को निरीक्षण के बाद सेवा के लिए सौंपा गया. एचएएल ने कहा, यह समकालीन अवधारणाओं और प्रौद्योगिकियों का एक मेल है. इससे भारत उन विशिष्ट देशों की सूची में शामिल हो गया है, जिन्होंने ऐसी क्षमताएं विकसित की हैं और उन्हें अपने रक्षा बलों में शामिल किया है. यह भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल का एक और उदाहरण है.
वायुसेना के पास LCA तेजस का अडवांस्ड वर्जन LCA-MK1A भी मौजूद है। यह फाइटर जेट है, जो 2205 किलोमीटर/घंटे की स्पीड से उड़ता है और 6 तरह की मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है। वायुसेना ने ऐसे 83 विमानों का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है। साथ ही, 97 और LCA-MK1A लेने की योजना बना रही है। इससे लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट की संख्या 180 हो जाएगी। इस कॉन्ट्रैक्ट की कीमत 1.15 लाख करोड़ से कुछ ज्यादा होगी। वायुसेना के लिए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट-मार्क2 प्रोग्राम पर भी काम हो रहा है। फाइटर जेट एलसीए-मार्क2 ज्यादा बड़ा होगा और इसकी क्षमता भी ज्यादा होगी।
वायुसेना ने एचएएल को दो सीटों वाले 18 विमान का ऑर्डर दिया है. 2023-24 के दौरान उनमें से आठ की आपूर्ति करने की योजना है. शेष 10 की आपूर्ति क्रमिक रूप से 2026-27 तक की जाएगी. वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने कहा कि वायुसेना 97 और तेजस विमानों का अधिग्रहण करेगी और उसके बेड़े में आने वाले समय में कुल 220 तेजस विमान होंगे.