Chhattisgarh Election 2023 : छत्तीसगढ़ के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब 2023 में विधानसभा चुनाव अजीत जोगी के बगैर होगा। सियासत की दुनिया में ‘अजीत जोगी’ यह नाम ही काफी है। उनके नाम कई रिकार्ड है तो कई विवाद भी। अजीत जोगी जब तक जीवित रहे, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस हो या भाजपा अपनी चुनावी रणनीति बनाने से पहले यह आकलन जरूर करते रहे कि अजीत जोगी क्या कर सकते है और कितना बिगाड़ सकते हैं। अजीत जोगी राजनीति के माहिर खिलाड़ी थे। यही वजह है कि जीते जी उनके हौसले को कोई परास्त नहीं कर सका।
अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के पहले IAS व IPS थे जो नौकरी छोड़कर राजनीति में आए। वे छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री थे। उन्हें पहला आदिवासी मुख्यमंत्री भी माना जाता है! छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय राजनीतिक दल के रूप में सर्वाधिक 5 विधानसभा सीट जीतने का रिकार्ड भी उनके नाम है। उनके मुख्यमंत्रित्व काल में छत्तीसगढ़ में पहली बार दलबदल की घटना हुई। जिसमें 12 विधायकों ने रातों रात पाला बदलकर कांग्रेस प्रवेश कर लिया था। वे अपनी जाति को लेकर भी हमेशा विवादों से घिरे रहे। जग्गी हत्याकांड को भी प्रदेश की पहली राजनीतिक अपराध के रूप में देखी गई।
हालांकि अजीत जोगी सिर्फ 2003 तक ही मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद भाजपा 15 साल तक सत्ता में रही। 2018 में अजीत जोगी कांग्रेस से अलग होकर खुद जनता कांग्रेस पार्टी बना चुके थे। जनता कांग्रेस पार्टी से उन्होंने चुनाव लड़ा और पार्टी से 5 विधायक भी जीताकर अपनी ताकत को साबित किया।
2003 से 2018 तक के विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी का प्रभाव पूरे छत्तीसगढ़ में रहा। उनकी मौजूदगी को राजनीति में नजरअंदाज करने की हिमाकत किसी ने नहीं की। हालांकि अब उनकी मौत के बाद जनता कांग्रेस काफी कमजोर हो चुकी है। उनके पुत्र अमित जोगी अपने पिता की जगह की 5 प्रतिशत भी भरपाई कर पाएंगे, ऐसा फिलहाल संभव नजर नहीं आ रहा है।
बता दें कि बिलासपुर के पेंड्रा में जन्में अजीत जोगी ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद पहले भारतीय पुलिस सेवा और फिर भारतीय प्रशासनिक की नौकरी की। बाद में वे मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सुझाव पर राजनीति में आये। वे विधायक और सांसद भी रहे। बाद में 1 नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ बना तो राज्य का पहला मुख्यमंत्री अजीत जोगी को बनाया गया। 29 मई 2020 को अजीत जोगी की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई।