महासमुंद। रायपुर से सम्बलपुर के बीच नई रेल लाइन निर्माण हेतु रेल विभाग की ओर से सर्वे का आदेश जारी कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले के सरायपाली, बसना और पिथौरा क्षेत्र लाखों लोगों की दशकों पुरानी मांग पूरी होती देख इलाके के लोगों के बीच ख़ुशी की लहर दौड़ गई है। सम्बलपुर से रायपुर तक 270 किलोमीटर की दूरी तक का सर्वे कर अंतिम और फायनल रिपोर्ट मांगी गई है।
ईस्ट-कोस्ट रेलवे भुवनेश्वर के चीफ इंजिनियर राधा मोहन सिंह ने इस कार्य का आदेश एसएम कंसल्टेंट प्रा.लि. खुरदा को जारी किया है और इसमें रायपुर से सम्बलपुर के बीच 270 किलोमीटर की प्रस्तावित रेल लाइन का उल्लेख किया गया है। कंपनी को फाइनल लोकेशन सर्वे का आदेश देते हुए जल्द से जल्द अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।
मिली जानकारी के अनुसार सरायपाली से होकर गुजरने वाले इस रेलवे लाइन में पड़ने वाले कई गांव के आस पास सर्वे और चिन्हाकन का काम जारी है। सरायपाली-बसना को रेलवे लाइन से जोड़ने की मांग पिछले कई सालों से की जा रही है। यहां रेलवे लाइन की मांग को लेकर केन्द्र भाजपा और कांग्रेस के दोनों दोनों पार्टियों से यह मांग चलते आ रही थी और कई बार सर्वे भी हो चुका है लेकिन अब तक रेल लाइन निर्माण कार्य का उद्घाटन नहीं हुआ है।
महासमुंद जिले के इस इलाके में रेलवे लाइन नहीं होने के कारण आम लोगों को बसों में सवारी भारी महंगी पड़ रही है। पहले 45 से 55 रुपए देकर बसों में लोग सरायपाली बसना से रायपुर जाते थे। अब किराया बढ़कर 250 से 300 रूपये तक पहुंच चुका है। यहां रेल लाइन के प्रारम्भ हो जाने से बसना सरायपाली और उड़ीसा के बरगढ़, सम्बलपुर के लोगों को व्यवसाय और रोजगार के साथ-साथ राजधानी तक आवागमन करने वालों की सुविधा भी बढ़ जाएगी।
स्थानीय सांसद चुन्नी लाल साहू का कहना है कि उन्होंने इस रेल लाइन के लिए रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव से मिलकर मांग रखी थी। साथ ही नागरिकों का प्रतिनिधिमंडल भी रेलमंत्री से मिला। रेलमंत्री ने आश्वस्त किया था कि रायपुर-सम्बलपुर रेल लाइन के सर्वे का काम जल्द शरू कर दिया जायेगा। अपने वादे के मुताबिक उन्होंने सर्वे का काम प्रारम्भ करवा दिया है। सरायपाली के आसपास सर्वे का काम चालू भी हो गया है।