एडिनबर्ग: ब्रिटेन के स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को एक गुरुद्वारे में जाने से खालिस्तानियों ने रोक दिया। विक्रम दोरईस्वामी गुरुद्वारा कमेटी के बुलावे पर लंगर के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए, लेकिन जैसे ही उनकी कार गुरुद्वारे के मेन गेट पर पहुंची, 3-4 कट्टरपंथी सिखों ने उन्हें गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया और नारेबाजी करने लगे। हैरानी की बात यह है कि किसी ने भी इन सिख कट्टरपंथियों को रोकने की कोशिश नहीं की।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुद्वारे में लंगर की तैयारी पूरी हो चुकी थी और हॉल में टेबल वगैरह भी लग चुकी थी। लेकिन जैसे ही भारतीय उच्चायुक्त वहां पहुंचे, कुछ सिख कट्टरपंथी उनके साथ बदसलूकी करने लगे। एक वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि सिख कट्टरपंथियों ने भारतीय उच्चायुक्त की कार के दरवाजे को भी खींचा। थोड़ी ही देर में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दुराईस्वामी ने अपने ड्राइवर को वहां से निकलने का आदेश दिया और वह कार्यक्रम में शामिल हुए बिना गुरुद्वारे के गेट से ही वापस चले गए। हैरानी की बात यह है कि वह गुरुद्वारे की कमेटी के बुलावे पर ही वहां गए थे, लेकिन वहां उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं था।
इस मामले पर बात करते हुए बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, 'हमें यह देखकर बहुत तकलीफ हुई है। गुरुद्वारा धर्म का स्थान है। ये कौन लोग हो सकते हैं जो गुरुद्वारे में किसी के घुसने पर रोक लगा दें? ये न कभी सिख परंपराओं का हिस्सा था और न कभी हो सकता है। मुझे भी ये सुनकर हैरानी हुई। मुझे नहीं पता था कि उनको वहां पर इन्वाइट किया गया था, और न भी इन्वाइट किया गया होता तो भी गुरुद्वारा गुरु का घर है, किसी को जाने की वहां मनाही नहीं है। मुझे बहुत दुख है, बहुत खेद है कि हमारी जो छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है, यह उसका एक हिस्सा है।'