टीएमसी सांसद नुसरत जहां को कथित फ्लैट बिक्री घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने तलब किया है. उन्हें 12 सितंबर को कोलकाता में ED कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है. बीजेपी नेता शंकुदेब पांडा द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने नुसरत जहां के खिलाफ मामला दर्ज किया, आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस सांसद और बंगाली फिल्म अभिनेत्री नुसरत जहां ने एक रियल एस्टेट कंपनी, सेवन सेंस इंटरनेशनल की निदेशक थीं, जिसने कोलकाता के बाहरी इलाके में वरिष्ठ नागरिकों को उचित दरों पर आवासीय फ्लैट देने का वादा करके कई करोड़ रुपये ठगे हैं. हालांकि, आरोपों का खंडन करते हुए, जहां ने पहले कहा था कि उन्होंने 2017 में कंपनी से इस्तीफा दे दिया था.
जांच एजेंसी के अधिकारियों ने इस संबंध में उक्त कॉरपोरेट इकाई 7 सेंस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के एक अन्य निदेशक राकेश सिंह को भी तलब किया है. दोनों को 12 सितंबर को कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में साल्ट लेक में केंद्रीय एजेंसी के केंद्र सरकार के कार्यालय (सीजीओ) परिसर में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
भ्रष्टाचार के पैसे से नहीं खरीदा घरः नुसरत
आरोप सामने आने के बाद नुसरत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वहीं उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. तृणमूल सांसद नुसरत जहां का कहना है कि मैंने अपना घर भ्रष्टाचार के पैसे से नहीं खरीदा है. मैं जिस कंपनी से जुड़ी हुई थी उससे मैंने 1 करोड़ 16 लाख 30 हजार 285 रुपये का लोन लिया था. मैंने उन पैसों से एक घर खरीदा. 6 मई 2017 को मैंने कंपनी को 1 करोड़ 40 लाख 71 हजार 995 रुपये व्याज समेत लौटा दिए. मेरे पास बैंक के दस्तावेज भी हैं. में 300 फीसदी चुनौती दे सकती हूं कि मैं भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हूं. अगर मैंने एक पैसा भी लिया होता तो भी मैं यहां नहीं आती.