महासमुंद । सिटी कोतवाली महासमुंद के सामने करीब पांच घंटे तक चक्काजाम करने के आरोप में पुलिस ने 36 लोगों के खिलाफ नामजद और 20-25 अज्ञात लोगों को मिलाकर कुल 60-61व्यक्ति के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। आरोपियों में शहर के अनेक गणमान्य नागरिक, जनप्रतिनिधि और विधानसभा चुनाव 2023 के संभावित भाजपा उम्मीदवार भी शामिल हैं। आरोपितों पर नेशनल हाईवे-353 पर विधि विरूद्ध जमाव और रास्ता रोकने का आरोप लगाया गया है। एक ग्रामीण (राहगीर) की लिखित शिकायत पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध किया है। भादवि की धारा 147, 149, 341 के तहत अपराध कायम किया गया है। गौरतलब है कि ये सभी नेता- कार्यकर्ता सनातन धर्म को लेकर की गई एक आपत्तिजनक टिप्पणी पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अनर्गल टिप्पणी करने वाले नेता के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग पर अड़े इन लोगों के खिलाफ पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।
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सिटी कोतवाली के सामने टायर जलाकर प्रदर्शन करते हुए नेतागण |
इनके विरुद्ध है रास्ता रोकने और विधि विरुद्ध जमाव का आरोप
सिटी कोतवाली महासमुन्द में 4 सितम्बर की देर शाम दर्ज जुर्म के अनुसार रितेश गोलछा स्टेशन रोड महासमुन्द, भरत चंद्राकर पिटियाझर, आनंद साहू परसकोल, विक्रम सिंह एफसीआई के पास, पंकज चंद्राकर गंजपारा, अखिलेश लुनिया क्लब पारा, गुड्डा सिन्हा क्लब पारा, सुमन सेन्द्रे स्वीपर कॉलोनी, अनुपम त्रिपाठी, नरेश नायक, जितेंद्र साहू पिटियाझर, रमेश साहू गंजपारा, दानेश्वर सिन्हा बीटीआई रोड, दिग्विजय साहू गुड़रूपारा, सतपाल सिंह पाली स्टेशन रोड, राहुल चंद्राकर बेमचा, मनीष शर्मा क्लब पारा, सुधा साहू, मीना वर्मा, कौशिल्या बंसल, शुभ्रामणी शर्मा, उत्तरा प्रहरे, निरंजना शर्मा, शैलू स्वामी, कमलराज साहू , पप्पू पटेल, इवन साहू, संभव मालू, अंकित लुनिया, मुन्ना देवार, सुभाष वैष्णव, सोमेश दावड़ा, सौरभ सोनी, राजू योगेश्वर सिन्हा, हुलसी चंद्राकर, जितेंद्र चंद्राकर बेलसोंडा कुल 36 लोगों के विरुद्ध नामजद और उनके 20-25 अज्ञात अन्य साथियों को आरोपित किया गया है।
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घटना स्थल पर चक्काजाम का नजारा |
ज्यादातर हैं भाजपा नेता, राजनीति गर्माने की आशंका
जिन नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उनमें ज्यादातर भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता अथवा विभिन्न हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता हैं। आरोप यह भी लगाया जा रहा है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ दल द्वारा विपक्ष के विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए जुर्म दर्ज कराई जा रही है। इस मामले को लेकर एक बार फिर महासमुन्द में राजनीति गर्माने की आशंका है। इसके चलते पुलिस इस मामले को संवेदनशील मानकर चल रही है। बहरहाल, विधानसभा चुनाव की घोषणा के पहले ही राजनीतिक दलों और पुलिस प्रशासन के बीच शक्ति परीक्षण की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
साहब ! मैं तो घटनास्थल पर था ही नहीं-अंकित
पुलिस अधीक्षक महासमुन्द को पत्र लिखकर अंकित जैन (लुनिया) ने एफआईआर से नाम हटाने की मांग की है। उन्होंने पत्र में बताया है कि वह पूर्वान्ह 11 बजे से रात साढ़े आठ बजे तक अपने दुकान में थे। जहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। कुछ समय के लिए अपनी पत्नी को लाने कृषि उपज मंडी गए थे, वहाँ भी कैमरा लगा हुआ है। अंकित का कहना है कि घटना से, चक्का जाम से उनका कोई सरोकार नहीं है। वह प्रदर्शन में शामिल नहीं थे। तब नाम क्यों जोड़ा गया है, समझ से परे है। उन्होंने जांच कर एफआईआर से नाम हटाने की मांग की है।
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पुलिस अधीक्षक को सौंपे गए ज्ञापन की प्रतिलिपि |