Aditya-L1 Mission : सूर्य के वातावरण का अध्ययन करने के लिए भारत के पहले अंतरिक्ष मिशन आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान का आज सुबह चौथी बार सफलतापूर्वक कक्षा परिवर्तन किया गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन- इसरो ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में बताया कि मॉरीशस, बेंगलुरु, एसडीएससी-शार और पोर्ट ब्लेयर केंद्रों ने कक्षा परिवर्तन के दौरान अंतरिक्ष यान को ट्रैक किया।
अगला कक्षा परिवर्तन 19 सितम्बर को भारतीय समय के अनुसार लगभग दो बजे किया जायेगा। चार बार कक्षा परिवर्तन का कार्य पूरा होने पर आदित्य एल-1 लग्रान्जी से परे अगला कक्षा परिवर्तन करेगा और इससे एल-1 लग्रान्जी प्वांइट के आस-पास निर्धारित स्थल की दिशा में लगभग 110 दिन के मार्ग की शुरुआत करेगा।
बता दें कि पृथ्वी की कक्षा परिवर्तन की पहली, दूसरी और तीसरी प्रक्रिया क्रमशः तीन, पांच और 10 सितंबर को सफलतापूर्वक की गई थी। पृथ्वी के चारों ओर आदित्य-एल1 की 16-दिवसीय यात्रा के दौरान यह प्रक्रिया की जा रही है, जिसके दौरान आदित्य-एल1 अपनी आगे की यात्रा के लिए आवश्यक गति प्राप्त करेगा।
पृथ्वी से जुड़े कक्षा परिवर्तन की चार प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद आदित्य-एल1 अगले ट्रांस-लैग्रेंजियन1 सम्मिलन की कक्षा में प्रवेश की प्रक्रिया से गुजरेगा, जो एल1 लैग्रेंज बिंदु के आसपास गंतव्य के लिए अपने लगभग 110-दिवसीय प्रक्षेप पथ की शुरुआत करेगा।