नई दिल्ली: गौतम अडानी के अगुवाई वाले अडानी ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। एक मीडिया ग्रुप की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अडानी ग्रुप ने गुपचुप तरीके से खुद अपने शेयर खरीदकर स्टॉक एक्सचेंज में लाखों डॉलर का निवेश किया।ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट की इस रिपोर्ट को Guardian और Financial Times के साथ शेयर किया गया है। इसमें अडानी ग्रुप के मॉरीशस मे किए गए ट्रांजैक्शंस की डीटेल का पहली बार खुलासा करने का दावा किया गया है।
इसके मुताबिक ग्रुप की कंपनियों ने 2013 से 2018 तक गुपचुप तरीके से अपने शेयरों को खरीदा। नॉन-प्रॉफिट मीडिया ऑर्गेनाइजेशन OCCRP का दावा है कि उसने मॉरीशस के रास्ते हुए ट्रांजैक्शंस और अडानी ग्रुप के इंटरनल ईमेल्स को देखा है। उसका कहना है उसकी जांच में सामने आया है कि कम से कम दो मामले ऐसे हैं जहां निवेशकों ने विदेशी कंपनियों के जरिए अडानी ग्रुप के शेयर खरीदे और बेचे हैं।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मुंबई में प्रेस कांफ्रेंस कर अडानी मामले पर हुए नए खुलासे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, "2014 नवंबर में ऑस्ट्रेलिया के शहर ब्रिस्बेन में नौंवा जी20 शिखर सम्मेलन हुआ था। वहां हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भाषण दिया और जी20 को कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सहयोग होना चाहिए काले धन से लड़ने के खिलाफ़, काला धन इकट्ठा करने वालों के खिलाफ़, मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ़, जो काले धन को सफेद करते हैं... उनके खिलाफ़, जो शेल कंपनियां हैं दुनिया भर में... उनके खिलाफ़, जो टैक्स हेवन जगहें हैं... उनके खिलाफ़ हमारे प्रधानमंत्री ने अपनी ‘बुलंद आवाज़’ उठाई और मांग की कि जी20 को इस विषय पर नेतृत्व दिखाने की ज़रूरत है।"
जयराम रमेश ने कहा कि कि अब जबकि भारत में जी20 सम्मेलन हो जा रहा है तो "आज सभी अख़बारों में, अमेरिका के अख़बार, इंगलैंड के अख़बार, हमारे देश के अख़बारों में नया खुलासा हुआ है… जिस तरीके से एक प्रधानमंत्री के चहेते दोस्त, प्रधानमंत्री के पसंदीदा पूंजीपति ने शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया है, सेबी के सारे नियमों का उल्लंघन हुआ है... ये सब खुलासा आज अख़बारों में है।"
उन्होंने बताया कि इस बारे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज शाम 4 बजे प्रेस कांफ्रेंस करेंगे। जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस ने अडानी गाथा के बारे में 28 जनवरी से लेकर 28 मार्च... 2 महीने मेंप्रधानमंत्री से 100 सवाल पूछे। हमने ‘हम अडानी के हैं कौन’ श्रृंखला में रोज़ तीन सवाल उठाए जिनके जवाब अभी तक नहीं मिले हैं।