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सिंहदेव ने कांग्रेस पर बोला हमला- पहले की घोषणा ही पूरी नही हुई तो नया घोषणा पत्र क्यों ?

 रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस की प्रभारी कुमारी सैलजा एक महिला होते हुए भी कांग्रेस के पिछले घोषणा पत्र के पारिवारिक और सामाजिक जीवन से जुड़े सबसे अहम बिंदु शराबबंदी लागू करने की घोषणा के औचित्य को नकारते हुए कह रही हैं कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की जरूरत नहीं है। पिछले घोषणा पत्र के जनक उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव ने घोषणा पत्र पर अमल नहीं होने पर हाथ खड़े कर दिए हैं।


लिहाजा इस बार जनता को झांसा देने का ठेका उन मोहम्मद अकबर को दिया गया है, जिन्होंने उस घोषणा पत्र को नहीं पढ़ा है जो उनकी सरकार ने जस का तस अंगीकार किया है। जब पिछली घोषणाएं 33 फीसदी से आगे नहीं बढ़ीं तो कांग्रेस को अब नया घोषणा पत्र बनाने की जरूरत क्या है ? कांग्रेस अपने पिछले घोषणा पत्र को फिर से प्रस्तुत करे और जनता से माफी मांगे कि 5 साल में जन घोषणाएं दरकिनार कर केवल घपले, घोटाले, कमीशनबाजी, भ्रष्टाचार किया।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी के कथन से स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस ने शराब को अवैध कमाई का जरिया मान रखा है। जितना राजस्व सरकार के खजाने में गया, उससे ज्यादा कांग्रेस की तिजोरी में गया। 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला करने के बाद अब कांग्रेस को शराबबंदी की जरूरत महसूस नहीं हो रही। जाहिर है कि रामद्रोही कांग्रेस काली कमाई की खातिर गंगाद्रोही भी बन गई है। इन्होंने गंगाजल हाथ में लेकर छत्तीसगढ़ की बहन बेटियों, माताओं से जो वादे किए थे, युवाओं से जो वादे किए गए थे, उन सभी से भाग चुके हैं। जिसने 2018 का जन घोषणापत्र नहीं पढ़ा उसे घोषणा पत्र समिति का संयोजक बनाना जनता के साथ मजाक है।

अव्वल तो कांग्रेस को घोषणा पत्र बनाने के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर घोषणा पत्र बनाना ही है तो रविंद्र चौबे सत्यनारायण शर्मा, ताम्रध्वज साहू,धनेंद्र साहू, शिव लहरिया दीपक बैज, मोहन मरकाम के रहते मोहम्मद अकबर ही क्यों ? जिनके कारण कवर्धा में दंगे हुए। छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार धर्म के नाम पर कर्फ्यू लगा। जिन्होंने 300 गाड़ियों का काफिला लेकर हिंदुत्व के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया।

आखिर कांग्रेस भविष्य के दिए किस तरह की घोषणाएं करवाना चाहती है ? क्या कांग्रेस के घोषणा पत्र में तुष्टिकरण सबसे अहम होगा। संभावना तो यही है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ की जनता के लिए नहीं बल्कि अपने कुछ खास मंसूबों के लिए घोषणा पत्र तैयार करवा रही है। कांग्रेस ने अपने बेहतर नेताओं का भरोसा खो दिया है। कांग्रेस घोषणा पत्र समिति को कांग्रेसी गंभीरता से नहीं ले रहे। वह कांग्रेस के घोषणा पत्र के हिस्सेदार नहीं बनना चाहते। क्योंकि कांग्रेस घोषणा पत्र की हकीकत से यह सभी वाकिफ हैं और अपना मजाक नहीं उड़ाना चाहते।

स्थिति यह है कि जन घोषणा पत्र बनाने वाले सिंहदेव कबूल करते हैं कि 12 घोषणाएं पूरी हुई, 12 में आंशिक कार्य हुए हैं और 12 घोषणाओं को छुआ भी नहीं गया है जबकि कांग्रेस के प्रवक्ताओं से कहलाया जाता है कि भूपेश बघेल सरकार ने 34 वादे पूरे कर दिए। कांग्रेस सबसे पहले तो यह बताए कि झूठ कौन बोलता है। कांग्रेस के प्रवक्ता गलत जानकारी दे रहे हैं या उपमुख्यमंत्री सिंहदेव झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब पहले की घोषणा पत्र ही पूरी नही हुई तो नया घोषणा पत्र क्यों?

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस घोषणा पत्र तैयार करने की कवायत कर रही है जबकि इसकी कोई जरूरत नहीं है। कांग्रेस ने पिछले घोषणा पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया। सत्ता में आने के लिए जो झूठे वादे किए थे, वह सबके सामने हैं।कांग्रेस का असली इरादा जनता को ठगना था, जो उसने दिखा दिया है। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा धोखा छत्तीसगढ़ की महिलाओं को दिया है। महतारी सम्मान योजना के तहत सभी माताओं को हर महीने 500 रुपये की राशि देने का वादा झूठा निकला वृद्धावस्था पेंशन के मामले में छत्तीसगढ़ सबसे निचले राज्यों में से एक है।

आयु आधार पर वरिष्ठ नागरिकों को 1000 और डेढ़ हजार रुपए महीना देने की जो घोषणा की गई थी उस पर अमल नहीं हुआ। कांग्रेस काठ की हांडी को बार-बार चढ़ाने का जतन कर रही है जबकि उसे समझना चाहिए कि एक बार उसकी काठ की हांडी चढ़ गई और जल भी गई। कांग्रेस ने किसानों के साथ धोखेबाजी की है। फसल को नुकसान से बचाने के लिए आवारा मवेशियों के लिए गोठान के नाम पर जो घोटाला कांग्रेस ने किया है और इसमें जो चारा घोटाला किया गया है वह बिहार के चारा घोटाले से भी ज्यादा बड़ा है।


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