बिलासपुर। आवारा पशुओं को दुर्घटना से बचाने एवं उनकी पहचान के लिए रेडियम बेल्ट एवं इयर टैगिंग का कार्य निरंतर जारी है। इसके लिए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा 10 समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों द्वारा नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे एवं अन्य मुख्य मार्गों का दैनिक भ्रमण कर पिछले एक सप्ताह में अब तक 614 पशुओं में रेडियम बेल्ट एवं 435 पशुओं में ईयर टैगिंग का कार्य किया जा चुका है। हाईकोर्ट के निर्देश के परिपालन में यह कार्यवाही की जा रही है।
जिले में नगर निगम बिलासपुर के द्वारा 04 कॉउ कैचर के माध्यम से रहंगी गोठान में 198, मोपका गोठान में 176, पाराघाट गोठान में 171 एवं तखतपुर गोठान में 15 इस प्रकार कुल 560 पशुओं को विस्थापित किया गया है। जिनका विभागीय अमले के द्वारा पशु चिकित्सकीय कार्य के साथ-साथ एच.एस. व बी.क्यू का टीकाकरण किया गया है। अब तक भारत शासन द्वारा संचालित एनडीडीबी के इनॉफ पोर्टल में 379 पशुओं का आवारा श्रेणी में पंजीयन किया गया है। उपरोक्त पंजीकृत जप्त पशुओं में 120 नर सांड पशु है, जिन्हें निकट भविष्य में बैगा बिरहोर जनजातियों को कृषि प्रयोजन के लिये जिला प्रशासन से प्रशासकीय अनुमति पश्चात वितरित किया जाना है। इसी प्रकार लावारिस जप्त गायों को भी पशुपालन हेतु इच्छुक किसानों को मार्गों में खुला न छोड़ने के शपथ पत्र पर जिला प्रशासन से प्रशासकीय स्वीकृति के बाद वितरित किये जाने की कार्य योजना प्रस्तावित है।
जिले में अनुदान प्राप्त 04 पंजीकृत गौशालाओं
में कुल लगभग 800 पशु क्षमता के विरूद्ध 760 पशु रखे गये हैं, जिनमें जप्त किये जा रहे घुमन्तू पशुओं
को अतिरिक्त क्षमता अनुरूप विस्थापित किया जा सकता है। इसके साथ ही जिले में नेशनल
हाईवे एवं स्टेट हाईवे के पास नये गौशाला खोलने हेतु प्रस्ताव आमंत्रित किये जा
रहे हैं, जिसमें ऐसे निजी
गौशाला जिनमें न्यूनतम 50 पशु, आधा
एकड़ गौशाला के नाम से भूमि तथा जल व शेड उपलब्ध होंगे, को प्राथमिकता से पंजीयन किया जायेगा।
वर्तमान में जिले में कुल 14 पशु चिकित्सालय, 64 पशु औषधालय, 01
चलित पशु चिकित्सा इकाई, 01
रोग अन्वेषण प्रयोगशाला संचालित है एवं जिले में अतिशीघ्र मोबाईल वेटनरी यूनिट की
सुविधायें आमजनों के लिए उपलब्ध करायी जाएगी।