National Doctors Day: कुछ बरस पहले बीजापुर में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए न तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर मिलते थे और न ही स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट जैसी बेहतर सुविधा यहां मौजूद थी। लेकिन यह अब बीते दिनों की बात हो गई है और जिला अस्पताल के मदर-चाइल्ड अस्पताल उत्सव में संचालित स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट हज़ारों बच्चों के लिए संजीवनी बन गया है। आज विशेषज्ञ डॉक्टरों के हाथों नौनिहालों की किलकारी सुरक्षित हुई है। यूनिट में जरूरी उपकरण और सभी सुविधाएं मौजूद है, जो इस सुदूर आदिवासी अंचल के लिए वरदान साबित हो रहा है।
स्टोरी-2
जिला चिकित्सालय बीजापुर के मदर-चाइल्ड हॉस्पिटल उत्सव में मोती कोरसा ने एक स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। जन्म के बाद नवजात शिशु न ही रोया और ना ही सांस ले रहा था। नवजात शिशु के मस्तिष्क में ऑक्सीजन न पहुंचने से उसे झटके भी आ रहे थे। स्थिति को देखते हुए नवजात को स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में शिफ्ट किया गया, जहां एसएनसीयू के प्रभारी डॉ. मंगेश और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नेहा द्वारा नवजात का उपचार शुरू किया किया गया। नवजात को वेंटिलेटर पर रखने के 3 दिन बाद उसके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और शिशु स्वयं से सांस लेने लगा। अगले 12 दिनों तक शिशु को एसएनसीयू में ही रखा गया और पूर्ण रूप से स्वस्थ होने पर 18 जून को उसे छुट्टी दे दी गई। एसएनसीयू में उपलब्ध वेंटिलेटर की सुविधा और विशेषज्ञ डॉक्टरों के कारण ही नवजात शिशु की सांस लौटी।
स्टोरी-3
जिला चिकित्सालय बीजापुर के मदर-चाइल्ड हॉस्पिटल उत्सव में 26 अप्रैल 2023 को एक नवजात शिशु का जन्म हुआ। प्री मेच्योर होने के कारण जन्म के समय बच्चे का वजन मात्र 1 किलोग्राम था और फेफड़े कमजोर होने के कारण उसे सांस लेने में तकलीफ़ हो रही थी। स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट में डॉ. मंगेश मस्के ने शिशु को इन्क्यूबेट कर वेंटिलेटर पर रखा। लगभग 10 दिनों तक शिशु का इलाज चला, जिससे उसका वजन बढ़ कर 1.53 किलोग्राम हो गया। स्वस्थ होने पर शिशु को 6 मई को डिस्चार्ज भी कर दिया गया।