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सितम्बर में सिरपुर आ सकते हैं धर्मगुरु दलाई लामा, मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ आने किया निमंत्रित

महासमुन्द। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में और  मंशानुरूप सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यक्ष सतीश जग्गी ने शनिवार को बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा से धर्मशाला (हिमाचल) में  भेंटकर छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया है। सितम्बर में सिरपुर में प्रस्तावित तीन दिवसीय सम्मेलन में उनके सिरपुर आने की उम्मीद जताई जा रही है।


 सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश जग्गी इन दिनों हिमाचल प्रदेश के दौरे पर हैं। इस दौरान शनिवार 1 जुलाई को उन्होंने बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा से धर्मशाला में सौजन्य भेंट की। और छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल का निमंत्रण पत्र सौंपा। बौद्ध विरासत सिरपुर को विकसित करने के साथ-साथ वर्ल्ड हेरिटेज के रूप में स्थापित करने की मंशा से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री का पत्र जिसमें धर्म गुरु दलाईलामा को छत्तीसगढ़ आने निमंत्रित किया गया है, वह पत्र सौंपते हुए छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया। इस दौरान श्री जग्गी ने दलाईलाम को छत्तीसगढ़ राज्य सरकार का राजकीय गमछा और प्रतीक चिन्ह स्वरूप बैल भी भेट किया। 

छ ग शासन की ओर से भेजे गए स्मृति को सहर्ष स्वीकार करते हुए बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि बुद्ध की जन्मस्थली भारत ही है और सिरपुर मेरे गुरू नागार्जुन का पुण्य क्षेत्र है। मै नागार्जुन गुफा में एक बार अवश्य ध्यान करना चाहूंगा।

 गौरतलब है कि सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण द्वारा आगामी सितंबर माह में सिरपुर में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया जाना प्रस्तावित हैं। बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा से भेट के समय सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण अध्यक्ष श्री जग्गी के साथ वाय राजेन्द्र कुमार राव मुख्य कार्यपालन अधिकारी व त्रिलोचन चावला भी उपस्थित थे।

विदित हो कि नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित तिब्बत के धर्मगुरु दलाई लामा  महासमुंद जिले की पुरा नगरी सिरपुर 2013 में भी आ चुके हैं। दलाई लामा सिरपुर में बौद्घ संस्कृति और प्रचीन वैभव देखकर भावविभोर हो गये थे। इस दौरान धर्मगुरु लामा ने लक्ष्मण मंदिर, बाजार क्षेत्र और तिवरदेव भी घूमे और वहां चल रही खुदाई की जानकारी भी ली थी। उस समय उन्होंने कहा था कि यहां खुदाई में प्राप्त पुरा संपदा से दक्षिण कौशल के वैभवशाली इतिहास के संबंध में अद्भुत जानकारियां मिल रही हैं। इस दौरान उन्होंने सिरपुर को नालंदा से भी अधिक प्राचीन शिक्षा केन्द्र बताते हुए इसे प्रचारित करने पर जोर दिया था। दलाई लामा ने कहा था कि सिरपुर आगे चलकर अपनी छवि विदेश में भी स्थापित करेगा, लेकिन यहां पर विदेशी पर्यटकों को ठहराने की उचित व्यवस्था नहीं है। अगर सरकार यह व्यवस्था कर दे तो विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सिरपुर विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया और प्रथम अध्यक्ष के रूप में सतीश जग्गी ने पदभार ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में उनकी और बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा के सोच अनुरूप सिरपुर को विकसित करने की कार्य योजना बनाने की दिशा में अग्रसर है ।

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