ढेकी कुटा चावल में सबसे अधिक मांग जीरा फूल चावल की है। जशपुर जिले में जीराफूल चावल का सबसे अधिक पैदावार होती है। सुगंधित किस्म के चावल होने के कारण इसकी मांग अन्य प्रदेशों में भी बढ़ते जा रही है। वैदिक वाटिका के समर्थ जैन ने बताया कि बालाछापर के 13 महिलाओं को ढेकी कुटा चावल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही चावल की आकर्षक पैकिंग के लिए भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। ढेकी कुटा चावल की बिक्री सी-मार्ट के माध्यम से जा रही है।
ढेकी कुटा चावल पोषण के दृष्टिकोण से उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही चावल का ऊपरी आवरण संरक्षित रहता है। जिसमें विटामिन ई की मात्रा भरपूर पाई जाती है। चावल में बेहतर पोषक गुण और 40 प्रतिशत से अधिक आयरन, 50 प्रतिशत से अधिक फाइबर मौजूद रहता है। प्राकृतिक शुद्धता के कारण इस चावल को अन्य प्रदेशों में अच्छी पैकिंग के साथ भेजने की कार्य योजना तैयार की गई है।