Wrestlers Protest : दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों के धरने पर प्रतिबंध लगने के बाद अब इंटरनेशनल रेसलर ने बड़ा ऐलान किया है। शीर्ष भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर फिर निराशा साधते हुए कहा कि वे हरिद्वार में गंगा में अपने मेडल प्रवाहित कर देंगे। पहलवानों ने आगे कहा कि इसके बाद वे इंडिया गेट पर भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
विनेश फोगाट ने मंगलवार को एक ट्वीट इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'मेडल हमारी जान है, हमारी आत्मा है। इनके गंगा में बह जाने के बाद हमारे जीने का कोई भी मतलब नहीं रह जाएगा। इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।'
विनेश फोगाट ने आगे कहा- 'इंडिया गेट उन शहीदों की जगह है, जिन्होंने देश के लिए अपने देह त्याग दिए। हम उनके जितने पवित्र तो नहीं हैं, लेकिन इंटरनेशनल लेवल पर खेलते वक्त हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही होती थी। अपवित्र तंत्र अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं। अब लोगों को समझना होगा कि वह अपनी इन बेटियों के साथ खड़ें हैं या इन बेटियों का उत्पीड़न करने वाले उस तेज सफेदी वाले तंत्र के साथ। आज शाम छह बजे हम हरिद्वार में अपने मेडल गंगा में प्रवाहित कर देंगे।'
विनेश फोगाट ने कहा कि हम इन मेडलों को गंगा में इसलिए बहाने जा रहे हैं, क्योंकि वह गंगा मां हैं। जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं, उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत कर इन मेडलों को हासिल किया था। ये मेडल सारे देश के लिए ही पवित्र हैं। पवित्र मेडल को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है, न कि हमें मुखौटा बना फायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र।
रविवार को विनेश, बजरंग, संगीता फोगट, साक्षी और कई अन्य लोगों को दिल्ली पुलिस ने उस समय हिरासत में ले लिया जब वे महिलाओं की 'महापंचायत' के लिए नए संसद भवन की ओर जाने का प्रयास कर रहे थे।
बजरंग पूनिया ने ट्वीट में क्या कहा
28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ़्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। क्या महिला पहलवानों ने अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न के लिए न्याय माँगकर कोई अपराध कर दिया है?
पुलिस और तंत्र हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है, जबकि उत्पीड़क खुली सभाओं में हमारे ऊपर फबतियाँ कस रहा है। टीवी पर महिला पहलवानों को असहज कर देनी वाली अपनी घटनाओं को क़बूल करके उनको ठहाकों में तब्दील कर दे रहा है। यहाँ तक कि पास्को एक्ट को बदलवाने की बात सरेआम कह रहा है। हम महिला पहलवान अंदर से इतना ऐसा महसूस कर रही है कि इस देश में हमारा कुछ बचा नहीं है। हमें वे पल याद आ रहे हैं जब हमने ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते थे।