धमतरी : छत्तीसगढ़ में आजादी के पहले से काबिज वनग्रामों को 18 सितंबर 2013 को राजस्व ग्रामों का दर्जा दिया गया है. यहां तक की उक्त ग्रामों में राजस्व ग्राम का बोर्ड भी लगा दिया गया है. काबिज जमीन का किसान पुस्तिका प्रदान किया गया, लेकिन राजस्व ग्राम कि भांति ऋण पुस्तिका (पट्टा) नहीं दिया गया. जिससे इन ग्रामों में बसे कृषकों को शासन के चलाए जाने वाली जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाता. जिसको लेकर 110 गांव के लगभग 4 हजार ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर 7 सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
ग्रामीणों का कहना है कि, हमारी काबिज भूमि का नक्शा, बी 1, खसरा की ऑनलाइन कापीं नहीं दिया जा रहा है, जिससे हम लोग सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हैं.
ये है 7 सूत्रीय मांग