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प्रधानमंत्री मोदी ने किंग्‍स चार्ल्‍स III और रानी कैमिला को उनके राज्‍याभिषेक पर बधाई दी

ब्रिटिश महाराजा चार्ल्स तृतीय और महारानी कैमिला का शनिवार (6 मई) को लंदन के वेस्टमिंस्टर एब्बे में औपचारिक राज्याभिषेक संपन्न हो गया. उनके राज्याभिषेक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर बधाई दी है. प्रधानमंत्री मोदी ने शाही परिवार के आधिकारिक हैंडल को टैग करते हुए ट्वीट किया, ''किंग चार्ल्स III और महारानी कैमिला को उनके राज्याभिषेक पर हार्दिक बधाई. हमें विश्वास है कि आने वाले वर्षों में भारत-ब्रिटेन संबंध और मजबूत होंगे.


ब्रिटेन के 40वें महाराजा बने चार्ल्स तृतीय

वेस्टमिंस्टर एब्बे में राज्याभिषेक के भव्य समारोह को बहु-धार्मिक स्वरूप दिया गया. पारंपरिक रस्म के साथ चार्ल्स तृतीय का ब्रिटेन के 40वें महाराजा के रूप में आधिकारिक राज्याभिषेक किया गया. उनकी मां, महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की 70 वर्ष पहले की गई यादगार ताजपोशी की तरह यह समारोह भी आयोजित किया गया.

‘प्रभु महाराजा की रक्षा करे’ के उद्घोष और गिरजाघर के घंटे की ध्वनि के बीच 74 वर्षीय चार्ल्स तृतीय को 360 साल पुराना सेंट एडवर्ड का रत्न जड़ित ताज औपचारिक रूप से पहनाया गया. इसके बाद चार्ल्स और उनकी पत्नी, महारानी कैमिला (75) ने लंदन में बकिंघम पैलेस की बालकनी में खड़े होकर सैकड़ों लोगों का अभिवादन किया, जो उनकी एक झलक पाने के लिए बारिश की परवाह नहीं करते हुए घंटों से वहां एकत्र थे.

1066 से प्रत्येक ब्रिटिश राज्याभिषेक का गवाह रहा है वेस्टमिंस्टर एब्बे

चार्ल्स और कैमिला के साथ प्रिंस एंड प्रिंसेज वेल्स, विलियम और केट और शाही परिवार के कुछ अन्य सदस्य भी थे. वेस्टमिंस्टर एब्बे 1066 में विलियम प्रथम के समय से प्रत्येक ब्रिटिश राज्याभिषेक का गवाह रहा है. चार्ल्स तृतीय और उनकी पत्नी कैमिला ने इसी परंपरा का अनुसरण किया है.

हिंदू, सिख, मुस्लिम, बौद्ध और यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों ने चार्ल्स की ताजपोशी से पहले एब्बे में एक जुलूस निकाला और समारोह के दौरान ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स के भारतीय मूल के सदस्यों ने चार्ल्स को पारंपरिक लिबास आदि वस्तुएं सौंपी. राज्याभिषेक के बाद, चार्ल्स और कैमिला शाही बग्घी ‘डायमंड जुबली स्टेट कोच’ में सवार होकर वेस्टमिंस्टर पैलेस से एब्बे पहुंचे. उनके साथ सैन्य कर्मी भी थे.

कुछ लोगों ने राजशाही के खिलाफ किए प्रदर्शन

मध्य लंदन की सड़कों के दोनों ओर काफी संख्या में उनके शुभचिंतक झंडे लहरा रहे थे. वहीं, प्रदर्शनकारियों के कुछ समूह ने राजशाही खत्म करने के लिए ट्राफलगर स्क्वायर पर प्रदर्शन किए. कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किए जाने की भी खबरें हैं.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किया भारत का प्रतिनिधित्व

एब्बे पहुंचने पर चार्ल्स का अभिवादन किया गया, जिनमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष और समुदायों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ ने इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया. वे दोनों यहां अन्य राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठे थे.

कैमिला ने महारानी मेरी का बगैर कोहिनूर वाला पहना ताज

कैमिला ने महारानी मेरी का ताज पहना, जिसे जून 1911 में उनकी (मेरी की) ताजपोशी के लिए निर्मित किया गया था. उस वक्त इसमें विवादित कोहिनूर हीरा भी जड़ा हुआ था, जिसे बाद में हटाकर उसकी एक क्रिस्टल प्रतिकृति जड़ दी गई. महारानी के ताज के आधुनिक प्रारूप में कोहिनूर हीरा नहीं जड़ा हुआ है और यह चांदी के फ्रेमसे बना है जिस पर सोने की तार और 2,200 हीरे जड़े हुए हैं. चार्ल्स और कैमिला एक अन्य ऐतिहासिक बग्घी ‘गोल्ड स्टेट कोच’ से बकिंघम पैलेस लौटें.

 

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