महान् दानी राजा मोरध्वज की दानशीलता की कहानी पूरे देश विदेश में चर्चित है। नगर वासियों का कहना है राजा मोरध्वज व रानी पद्मावती द्वारा अपने पुत्र ताम्रध्वज को आरा में चीरकर दानकर करने वाला दानी राजा संसार में एक मात्र राजा मोरध्वज ही है। दानशीलता की बात जब भी किसी धर्म मंच में होती है महान् दानी राजा मोरध्वज की कथा का जिक्र जरूर होता है।इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए .
नगर के पीपला वेलफेयर फाउंडेशन के सदस्यों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को महान दानी राजा मोरध्वज की कहानी को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की है। जिससे बच्चों में दानशीलता जैसे मानवीय मूल्यों की समझ बढ़े तथा नैतिकता जैसे मानवीय गुणों का विकास हो सके।
दानी राजा मोरध्वज की कहानी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की उठी मांग

आरंग। महान् दानी राजा मोरध्वज की नगरी के नाम से सुविख्यात नगर है आरंग। जहां आज भी सैकड़ों मंदिर देवालयों का विशाल समूह है। अक्सर नगर के हर किसी की जुबान में दानी राजा मोरध्वज की कहानी की चर्चा सहज ही जानने सुनने को मिलती हैं। पूरे भारत में इस नगर को मोरध्वज की नगरी के नाम से ही जाना जाता हैं।




