रायपुर : अब BJP नेताओं की हत्या की जांच NIA से कराने के मामले में कांग्रेस और बीजेपी में सियासत शुरू हो गई है। भूपेश सरकार ने बीजेपी नेताओं की हत्या की जांच कराने के लिए एनआईए का पत्र लिखा है। जबकि इसी मांग को लेकर बीजेपी ने कल जगदलपुर में धरना-प्रदर्शन किया था। वहीं आज भी पूरे छत्तीसगढ़ के 72 विधानसभाओं में चक्का जाम बीजेपी करेगी।
पूर्व सीएम ने उठाए सवाल
दरअसल छत्तीसगढ़ के बस्तर में अभी कुछ दिनों पहले ही भाजपा नेताओं की हत्या कर दी गई थी. इस मुद्दे को लेकर रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार पर सवाल उठाए थे. रमन सिंह ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया जिसके साथ कैप्शन लिखा गया, 'छत्तीगढ़ में नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए स्वयं जिम्मेदार बनें, क्योंकि दाऊ भूपेश बघेल कोयला लूटने और कांग्रेस की आपसी राजनीति में व्यस्त हैं.'
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सवाल दागे
पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के ट्वीट का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी ट्विटर पर ही जवाब दिया. उन्होंने लिखा ठाकुर साहब! सवाल NIA की जांच पर नहीं, सवाल कथित नक्सली हत्या के षडयंत्र की जांच पर है. षडयंत्र की जांच हमारी पुलिस करती है तो NIA अपना क्षेत्राधिकार बताकर जांच अपने हाथ में ले लेती है. आयोग बनाते हैं तो धरमलाल कौशिक जी न्यायालय से स्टे ले आते हैं.
आपके समय छत्तीसगढ़ सबसे गरीब राज्य था
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक और ट्वीट कर लिखा, “ऐसा है ठाकुर साहब कि 15 वर्षों के आपके शासन के बाद जो राज्य आपने छोड़ा वह 39.9 प्रतिशत गरीबों के साथ देश का सबसे गरीब राज्य था. यह आपकी लूट-खसोट का परिणाम ही था. गरीबों के हितों पर घड़ियाली आंसू बहाना कम से कम आपको तो शोभा नहीं देता और ये आंकड़े आरबीआई के हैं. अब क्या आप आरबीआई को भी ‘फूल छाप’ कह देंगे!!!”
रमन जी आप किन हाथों की कठपुतली थे?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यही नहीं रुके. उन्होंने एक और ट्वीट कर लिखा, “ठाकुर साहब याद कीजिए अपना कार्यकाल, तब किन अधिकारियों का राज था और आप किन हाथों की कठपुतली थे? स्थानीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि और गरीब जनता उपेक्षित और शोषित थी. आपके इस अपराध के लिए राज्य की गरीब जनता आपको कभी माफ नहीं करेगी. ये बाहरी लोग कौन से छाप के थे, ये भी जनता को बता दीजिए ठाकुर साहब!”
आप छत्तीसगढ़ बीजेपी के सर्वे-सर्वा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस के दिन अपने आदिवासी अध्यक्ष को हटाने वाले, पूरे आदिवासी नेतृत्व को हाशिए पर ढकेलने वाले छत्तीसगढ़ बीजेपी के सर्वे-सर्वा “ठाकुर साहब” बताइए कि आपके 15 वर्षों में अधिकारी फूल छाप थे क्या? चार वर्ष में अधिकारी पंजा छाप कैसे हो गए? हम अच्छे से काम ले पा रहे हैं. इसलिए आप उनको पंजा छाप बोल रहे हैं? मानना चाहिए कि यदि आप अधिकारियों से काम नहीं ले पा रहे थे तो कमी आपके अंदर ही थी.