पीएम मोदी ने शुक्रवार को भारत की G20 अध्यक्षता के तहत बेंगलुरु में हो रही वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की पहली बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने रेखांकित किया कि यह भारत की G20 अध्यक्षता के तहत पहली मंत्री-स्तरीय वार्ता है। पीएम मोदी ने इस उत्पादक बैठक के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा ”अब यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं और मौद्रिक प्रणालियों के संरक्षकों पर निर्भर है कि वे वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता, विश्वास और विकास को वापस लाएं।
दुनिया गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही है
पीएम ने कहा, वर्तमान समय में दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों पर ध्यान देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि बैठक के प्रतिभागी ऐसे समय में वैश्विक वित्त और अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जब दुनिया गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रही है।
भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के बारे में भारतीय उपभोक्ताओं और उत्पादकों में उम्मीद
उन्होंने कोरोना महामारी और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर इसके बाद के प्रभावों के साथ-साथ बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान, बढ़ती कीमतों, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, कई देशों की व्यवहार्यता को प्रभावित करने वाले अस्थिर ऋण स्तर और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में तेजी से सुधार करने में उनकी अक्षमता के कारण विश्वास के क्षरण का उदाहरण दिया। भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवंतता पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था के भविष्य के बारे में भारतीय उपभोक्ताओं और उत्पादकों के आशावाद पर प्रकाश डाला। इसके साथ-साथ उन्होंने आशा व्यक्त की कि सदस्य प्रतिभागी उसी सकारात्मक भावना को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करते हुए प्रेरणा प्राप्त करेंगे।
वैश्विक आर्थिक नेतृत्व एक समावेशी एजेंडा बनाकर ही दुनिया का विश्वास वापस जीत सकता है
पीएम मोदी ने G20 के सदस्यों से दुनिया के सबसे कमजोर नागरिकों पर अपनी चर्चा पर केंद्रित करने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक आर्थिक नेतृत्व एक समावेशी एजेंडा बनाकर ही दुनिया का विश्वास वापस जीत सकता है।
हमारी G20 अध्यक्षता का विषय समावेशी दृष्टि को बढ़ावा देता है
उन्होंने आगे कहा, “हमारी G20 अध्यक्षता का विषय इस समावेशी दृष्टि को बढ़ावा देता है – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य।” पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और उच्च ऋण स्तरों जैसी वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डिजिटल भुगतान ने संपर्क रहित और निर्बाध लेन-देन को सक्षम बनाया
वित्तीय दुनिया में प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभुत्व पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी ने याद किया कि कैसे महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान ने संपर्क रहित और निर्बाध लेन-देन को सक्षम बनाया। उन्होंने सदस्य प्रतिभागियों से डिजिटल वित्त में अस्थिरता और दुरुपयोग के संभावित जोखिम को नियंत्रित करने के लिए मानक विकसित करते हुए प्रौद्योगिकी की शक्ति का पता लगाने और उसका उपयोग करने का आग्रह किया।
’हमें अपने अनुभव दुनिया के साथ साझा करने में खुशी होगी’
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को एक मुक्त सार्वजनिक भलाई के रूप में विकसित किया गया है। हमें अपने अनुभव दुनिया के साथ साझा करने में खुशी होगी और G20 इसके लिए एक वाहन हो सकता है।
भारत के डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म UPI का अनुभव लेने का किया आह्वान
पीएम मोदी ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में, हमने एक अत्यधिक सुरक्षित, अत्यधिक विश्वसनीय और अत्यधिक कुशल सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी ढांचा बनाया है। इसने भारत में मौलिक रूप से शासन, वित्तीय समावेश और जीवन को आसान बनाने का काम किया है। जैसा कि आप भारत की प्रौद्योगिकी राजधानी बेंगलुरु में बैठक कर रहे हैं, आपको इस बात का पहला अनुभव होगा कि कैसे भारतीय उपभोक्ताओं ने डिजिटल भुगतान को अपनाया है। आगे जोड़ते हुए पीएम ने कहा, वास्तव में, हमारे G20 अध्यक्षता के दौरान, हमने एक नई प्रणाली बनाई है। यह हमारे G20 मेहमानों को भारत के पाथ-ब्रेकिंग डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म, UPI का उपयोग करने की अनुमति देता है। जैसा कि आप इसका उपयोग करते हैं और इसके उपयोग में आसानी का अनुभव करते हैं, आप समझेंगे कि भारतीय उपभोक्ताओं ने इसे स्वेच्छा से क्यों अपनाया है। UPI जैसे उदाहरण कई अन्य देशों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके लिए हमें खुशी होगी।
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही भारत ने UPI और Pay now कनेक्टिविटी का शुभारंभ किया है। इसके अंतर्गत भारत और सिंगापुर के बीच वित्तीय लेनदेन को आसान बनाने के लिए भारत के UPI और सिंगापुर के Pay now को आपस में जोड़ा गया है। इससे सिंगापुर में रह रहे भारतीयों को तो फायदा मिल ही रहा है साथ ही साथ सिंगापुर के लोगों को भी लाभ पहुंच रहा है। इस प्रकार भारत सरकार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस यानि UPI का लगातार विस्तार करने में लगी है।
अच्छी बात यह है कि विश्व के अन्य देश भी भारत की इस सेवा की खूब सराहना कर रहे हैं। भारत का ये पेमेंट सिस्टम वर्तमान में कई देशों में चल रहा है और अब तक इस लिस्ट में कई देशों के नाम जुड़ चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि G20 बैठक में हिस्सा लेने वाले अन्य देश भी इसमें अपनी दिलचस्पी दिखाएंगे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए G20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की पहली बैठक के मंच से पीएम मोदी ने अन्य देशों को UPI को अपनाने का आह्वान किया।