आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है। भौतिक वैज्ञानिक सर सीवी रमन ने वर्ष 1928 में इसी दिन “रमन प्रभाव” की खोज की थी। वर्ष 1930 में इस खोज के लिए उन्हें भौतिक विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था। भारत की जी-20 अध्यक्षता के आलोक में इस वर्ष के विज्ञान दिवस का विषय है- वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर सभी वैज्ञानिकों और अन्वेषकों को बधाई दी है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट संदेश में कहा कि भारत विज्ञान की दुनिया में बड़ी प्रगति कर रहा है और अनुसंधान तथा नवाचार के लिए एक व्यवस्था का पोषण कर रहा है। यह कार्यक्रम पूरे देश में विद्यालयो, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक तथा शोध संस्थानों में बच्चों को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित करने के लिए मनाया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की शुरुआत कब हुई?
दरअसल 1986 में नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (National Council for Science and Technology) के द्वारा भारत सरकार से ये निवेदन किया गया था कि 28 फरवरी राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाए और सरकार ने इस आवेदन को स्वीकार कर लिया था। ये दिवस सर सीवी रमन की ‘रमन प्रभाव’ खोज के उपलक्ष में मनाया जाता है और इसके साथ ही इस दिन को मनाने का मकसद है कि लोगों को विज्ञान के महत्व के बारे में अवगत कराया जाए एवं भारत के महान वैज्ञानिकों को याद किया जाए।
सर सी.वी. रमन की उपलब्धियों का सम्मान
नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने केंद्र सरकार से 1986 में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (NSD) के रूप में नामित करने का अनुरोध किया। यह न केवल सर सी.वी. रमन की उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए किया गया था बल्कि अन्य वैज्ञानिकों को भी वैज्ञानिक क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए धन्यवाद। NSD के बाद नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन ने नेशनल साइंस पॉपुलराइजेशन अवार्ड्स के निर्माण की घोषणा की, जिसने विज्ञान और संचार के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए व्यक्तियों को मान्यता दी।
पिछले 8 वर्षों में हुए कई बदलाव
देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र ने पिछले साढ़े 8 वर्षों में देश के लिए दूरगामी प्रभाव वाले कई नए ऐतिहासिक सुधारों की शुरुआत करके तेजी से प्रगति की है। विज्ञान पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने के साथ, भारत औद्योगीकरण और तकनीकी विकास में एक वैश्विक नेता बनने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है। भारत की नई योजना, जिसे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति 2020 कहा जाता है, उसमें विज्ञान को अधिक प्रभावी ढंग से और विशेषज्ञों द्वारा संचालित करने की योजना है।