महासमुंद। "व्यसन मुक्त जीवन-स्वस्थ जीवन का आधार" इसे जन-जन तक पहुंचाने पुरंदर मिश्रा 25 वर्षों से जनजागरण पदयात्रा कर रहे हैं। इस वर्ष यह पदयात्रा एक नवम्बर से सात नवम्बर तक बसना क्षेत्र के गांवों में आयोजित है। उनके संयोजन में प्रारंभ हुई यह यात्रा अब पीढ़ी दर पीढ़ी होने जा रहा है। मिश्रा के सुपुत्र पीयूष पुरंदर मिश्रा ने बीते वर्ष से इस यात्रा की कमान संभाल लिया है।
भाजपा कार्यालय में आज आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए पुरंदर मिश्रा ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इस गांधी पदयात्रा का रजत जयंती समारोह हुआ। देश में गांधी जी के विचारों और आदर्श के विस्तार के साथ ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की अवधारणा को जीवंत करने यह छोटा सा प्रयास है। हर साल 25 सितम्बर से दो अक्टूबर तक पदयात्रा करते रहे हैं। 1997 से यह पदयात्रा अनवरत जारी है।
एक से सात नवम्बर तक पदयात्रा
अपरिहार्य कारणों से इस वर्ष पदयात्रा की तिथि एक से 6 नवम्बर तक की गई है। सात नवम्बर को समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। समापन समारोह में मेधावी छात्रों, समर्पित सेवानिवृत्त शिक्षकों, कोरोना वारियर स्वास्थ्य कर्मियों, वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांग जनों, समाजसेवियों का सम्मान किया जाएगा। इस कार्यक्रम में में 25 वर्षों के गांधी पदयात्रा के सहयोगी का विशेष सम्मान किया जाएगा।
अंतिम सांस तक करेंगे पदयात्रा
मिश्रा ने बताया कि अब तक 2250 किलोमीटर की यात्रा 25 वर्षों में पूरी हो चुकी है। 602 गांवो में सीधा संपर्क किया जा चुका है। जनजागरण से प्रभावित होकर 18650 लोगों ने नशा त्याग दिया है। क्षेत्र के स्कूली बच्चों को नशा नहीं करने की शपथ दिलाई जा रही है। इस बीच ग्रामीणों की समस्याओं से रूबरू होकर अनेक विकास मूलक कार्यों को गति दी गई है। अंचल में यह पदयात्रा अब उत्सव का रूप ले चुका है। एक सवाल के जवाब में मिश्रा ने कहा कि पदयात्रा अंतिम सांस तक हर साल करते रहेंगे। अब उनके उत्तराधिकारी भी पदयात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं। पंडित जयदेव सतपथी, लक्ष्मण सतपथी की पदयात्रा से प्रेरित होकर उन्होंने इसकी शुरूआत 1997 में की थी। पदयात्रा दोपहर दो से पांच बजे तक होगी। प्रेसवार्ता में पूर्व राज्यमंत्री पूनम चंद्राकर, प्रदीप चंद्राकर, एतराम साहू, प्रकाश चंद्राकर, योगेश्वर राजू सिन्हा प्रमुख रूप से उपस्थित थे।