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छत्तीसगढ़ की संस्कृति और छत्तीसगढ़ी भाषा हमारी आत्मा : विनोद सेवनलाल चंद्राकर

महासमुंद। छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा महासमुंद में एक दिवसीय जिला स्तरीय छत्तीसगढ़ राजभाषा सम्मेलन का आयोजन किया गया। शासकीय महाप्रभु वल्लभाचार्य स्नातकोत्तर महाविद्यालय के स्वामी विवेकानंद सभागार में आयोजन हुआ।  मुख्य अतिथि विनोद सेवनलाल चंद्राकर संसदीय सचिव छ.ग. शासन एवं विधायक महासमुंद थे। अध्यक्षता श्रीमती उषा पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष ने की। विशिष्ट अतिथि श्रीमती राशि त्रिभुवन महिलांग अध्यक्ष नगर पालिका परिषद महासमुंद, दाऊलाल चंद्राकर जिला अध्यक्ष भारत स्काऊट गाइड, संजय शर्मा विधायक प्रतिनिधि, प्रो. (डॉ.) अनुसुइया अग्रवाल प्राचार्य एवं डॉ. अनिल कुमार भतपहरी सचिव राजभाषा आयोग छ.ग. रायपुर मंचस्थ थे ।

सम्मेलन में साहित्यकारों, कलाकारों एवं महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि संसदीय सचिव विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं भाषा हमारी आत्मा है। छत्तीसगढ़ की परंपरा, रीति रिवाज एवं व्यंजनों का सुगंध राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा है । हमें इसके विकास एवं समृद्घि के लिये सतत प्रयास करते रहना होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्घशाली बनाने छत्तीसगढ़ सरकार निरंतर प्रयासरत है। 

अध्यक्षीय आसंदी से उद्गार व्यक्त करते हुये जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती उषा पटेल ने कहा कि छ.ग. के साहित्यकारों एवं कलाकारों ने हमारे प्रदेश का मान बढ़ाया है। विशेषकर महासमुंद के रचना शिल्प साहित्यकारों का यह आयोजन मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर श्रीमती राशि महिलांग, दाऊलाल चंद्राकर, संजय शर्मा, प्रो. (डॉ.) अनुसुइया अग्रवाल, डॉ. अनिल कुमार भतपहरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा अत्यंत समृद्घशाली भाषा है 

छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा आयोजित सम्मेलन में साहित्यकारों व कलाकारों का सम्मान, कलाकारों ने बिखेरी छत्तीसगढ़ी छटा। 

इसे राजकाज में उपयोग करते हुये प्राथमिक शिक्षा में ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना चाहिये। सभी ने गरिमामय आयोजन के लिये प्रसन्नता व्यक्त करते हुये आयोग एवं जिला समन्वयक टेकराम सेन चमक की प्रसंसा की। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय से छत्तीसगढ़ माटी हे महान, नंदी घोष प्रेम उदंड संकीर्तन मंडली गोहेदादर बसना, लोक संध्या सांस्कृतिक लोक मंच खल्लारी, पंथी दल खल्लारी द्वारा सांस्कृतिक छटा बिखेरी गई ।

राजभाषा आयोग के इस सम्मेलन में साहित्यकार किसान दीवान नर्रा (बागबाहरा), रमेश सोनी (बसना), श्रीराम साहू (बसना), भागवत जगत भूमिल महासमुंद, धनराज साहू (बागबाहरा), विश्राम यादव खल्लारी, हरजीत सिंह (बंटी छत्तीसगढिय़ा), एस.आर. बंजारे, जिला समन्वयक राजभाषा आयोग टेकराम सेन चमक साहित्य चिंतन एवं प्रभावी वक्तव्य के लिये आनंद तिवारी पौराणिक, श्रीमती सौरिन चन्द्रसेन, रुपेश तिवारी, पुरुषोत्तम दीवान एवं विद्याभूषण सतपथी को छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की ओर से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की सफलता में बंधु राजेश्वर खरे, उमेश भारती

अशोक शर्मा, सरिता तिवारी, राजेश शर्मा, शेषदेव प्रधान, जयराम पटेल, विजय मिर्चे, सीमारानी प्रधान, डॉ. दुर्गावती भारतीय सहित महाविद्यालयीन के समस्त अधिकारी कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं का विशेष योगदान रहा। जिला समन्वयक टेकराम सेन द्वारा प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अनुसुइया अग्रवाल, समस्त साहित्यकार व कलाकारों को धन्यवाद दिया है। कार्यक्रम में स्वागत भाषण डॉ. अनिल कुमार भतपहरी ने दिया। संचालन जिला समन्वयक टेकराम सेन, श्रीमती राजेश्वरी सोनी (सहायक प्राध्यापक), राजेश शर्मा, श्रीमती सरिता तिवारी एवं आभार ज्ञापन डॉ. दुर्गावती भारतीय ने किया।

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