पहले वे खेती के लिए वर्षा की बाट जोहते थे, मगर अब उनके खेत में भरपूर पानी आ रहा है। वे धान के साथ दूसरे फ़सल गेहूं, सब्जी बो रहे हैं। पहले यहां काफी दिक्कत थी। सेमरिया, सोनगढ़ आदि गांव में बिजली की समस्या है साथ ही बोर मशीन न जाने के कारण बोर भी हो पाना कठिन था। शासन ने इससे निजात पाने के लिए एक नया रास्ता निकाला। इन सिंघोर के मध्य बहने गोपद नदी के किनारे सोलर पंप लगाया गया और उससे पाइप से खेतों में पानी पहुंचाया गया।
किसान इस पानी से खेतों में सिंचाई करने लगे, अच्छी उपज हुई। पहले वे बमुश्किल धान की खेती करते थे। अब धान के साथ गेंहू, मकई तथा साग सब्जी की फसल लेने लगे हैं। सिंघोर ग्राम के बृजमोहन सिंग ने बताया कि शासन का यह कदम हमारे जीवन मे परिवर्तन कारी है हमने सोचा नही था कि जो नदी हमारे गांव के पास बहती है उससे हम सिंचाई कर सकते हैं। अब मैं धान के साथ अन्य फसल भी ले रहा हूँ। उल्लेखनीय है कि 21 गांव के 300 से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ मिला है।
उपार्जन केंद्र खुलने से किसानों की बढ़ी आय
रामगढ़ के किसानों के जीवन में बड़ा परिवर्तन दिख रहा है। अव बड़ी संख्या में किसान धान की खेती कह रहे है, सामने आकर धान बेच भी रहे है। रामगढ़ में दो साल पहले तक रामगढ़ और आसपास के किसान अपना धान बेचने सोनहट जाते थे। दूरी अधिक होने से बहुत कमह किसान सोनहत जाने की जहमत नहीं उठाते थे। बमुश्किल इस क्षेत्र के 21 गांव के 45 किसान ही धान बेचने आते थे, वे करीब 2000 किवंतल धान बेच पाते थे। गत वर्ष रामगढ़ में ही धान उपार्जन केंद्र खुल गया। इससे किसानों की पंजीयन सख्या बढ़कर 384 हो गई जिनमें से206 किसानों ने धान बेचा। इन किसानों ने 9217 क्विंटल धान विक्रय करते हुए 1करोड़ 78 लाख 82 हजार से अधिक राशि अर्जित की। इन किसानों को मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद दिया है।