छत्तीसगढ़ के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत ने सरगुजा जिला कलेक्टर से फोन के माध्यम से चर्चा कर विधानसभा क्षेत्र सीतापुर समेत सरगुजा जिले में खाद की कमी को पूरा करने और किसानों को सुगमता पूर्वक खाद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि मंत्री ने सीतापुर और अंबिकापुर क्षेत्र के किसानों द्वारा रासायनिक खाद संबंधी समस्या बताए जाने पर तत्काल संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर से फोन पर बात की। मंत्री भगत ने कलेक्टर को किसानों की समस्या से अवगत कराया और जिले में खाद की उपलब्धता की जानकारी ली। उन्होंने किसानों की समस्या और जरूरत को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए। मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। निरंतर किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा उचित कदम उठाए जा रहे हैं।
खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
प्रदेश के कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) सुरेन्द्र शर्मा शुक्रवार को बेमेतरा प्रवास के दौरान जिला पंचायत कार्यालय बेमेतरा में कृषकों और जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होने शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के प्रभावों के आंकलन और इन्हें बेहतर बनाने कृषकों-जिला अधिकारियों के साथ चर्चा की। बैठक में अधिकारीगण एवं कृषि/उद्यानिकी/पशुपालन/मछलीपालन से संबंधित एक-एक प्रगतिशील कृषक भी उपस्थित थे। बैठक में उन्होने गौठान प्रबंधन से संबंधित सक्रिय स्व-सहायता समूहों, गौठानों में वर्तमान में आजीविका संवर्धन के प्रमुख क्रियाकलापों, द्वि-फसलीय क्षेत्र बढ़ाने में जिला प्रशासन की कार्य योजना, पोषण बाड़ियों की स्थिति और इन्हें आंगनबाड़ियों-विद्यालयों में विस्तारित करने की रणनीति के संबंध में जानकारी ली।
परिषद के अध्यक्ष शर्मा ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उर्वरक-बीज की कालाबाजारी जिसमें शासकीय दर से अधिक मूल्य पर उर्वरक विक्रय किये जाने वाले दुकानदारों-व्यापारियों पर प्रतिबंध लगाया जाए और मैदानी अमलों को उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों की सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए। उन्होने फसल बीमा कंपनियों को बैनर पोस्टर के माध्यम से योजना का प्रचार-प्रसार और वित्तीय संस्थाओं द्वारा अधिक से अधिक केसीसी खातेदार तैयार कर फसल ऋण प्रदाय करने को कहा। राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत कृषकों को लाभान्वित करने अधिकारियों को कहा कि कृषकों को अधिक से अधिक रकबा में धान के बदले दलहन, तिलहन और अन्य फसल लगाये जाने के लिए प्रोत्साहित करें।
अध्यक्ष ने पशु चिकित्सा के अधिकारियों को गौठान में पशु उपचार, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, टीकाकरण का कार्य नियमित रुप से करने को कहा। जिसमें विशेष रुप से रोका-छेका शिविर के माध्यम से वर्षा ऋतु के पूर्व गलघोटू एवं एकटंगिया बीमारी से बचाव किया जा सके। अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि सभी गौठानों में एक एकड़ जमीन सुरक्षित रखकर आर्थिक गतिविधियां संचालित की जाएगी। प्रदेश में 13 हजार महिला स्वसहायता समूह जुड़े हैं। गोबर से पेंट भी बनाया जा रहा है। इस दौरान उन्होने भूपेश बघेल सरकार द्वारा किसानों मजदूरों के हित में किए जा रहे कार्याें की जानकारी ली। अधिकारियों से संबंधित क्षेत्र के विस्तार के लिए और योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए गौठान में चलाये जा रहे क्रियाकलापों की जानकारी ली और कहा कि किसानों के लिए उर्वरक बीज फसलवार पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे।
बेमेतरा जिला चना के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है और जिले में पर्याप्त मात्रा में सोयाबीन का उत्पादन जारी है। कृषि विज्ञान केन्द्र ढोलिया बेमेतरा के सहयोग से दाल मिल, तेल मिल, केला तना से रेशा निकालने की ईकाई और गोबर पेंट ईकाई का संचालन किया जा रहा है। इसकी विस्तृत जानकारी ली और कहा कि राखी में केले के रेशे से कर्टन पर्दा, सजावटी और अन्य सामग्री तैयार किया जा रहा है। यह किसानों के लिए और महिला स्व-सहायता समूह के लिए एक अच्छा रोजगार का अवसर मिल रहा है, इस योजना को आने वाले समय में पूरे प्रदेश में संचालित किया जाएगा।